‘Vocal For Local’ को नई उड़ान देगा प्रदेशव्यापी स्वदेशी मेला (Swadeshi Mela): दीपावली पर छोटे कारीगरों व उद्यमियों को मिलेगा बड़ा मंच

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Lucknow, 8 अक्टूबर। Vocal For Local योगी सरकार (Yogi Govt) ‘विकसित व आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश’ की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है। उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो (UPITS) के तृतीय संस्करण की ऐतिहासिक सफलता के बाद अब प्रदेश के 75 जिलों में 9 से 19 अक्टूबर तक ‘स्वदेशी मेलों’ (Swadeshi Mela) का आयोजन किया जाएगा। इन मेलों का उद्देश्य छोटे उद्यमियों, हस्तशिल्पियों, कारीगरों, खादी व हथकरघा से जुड़े लोगों को जिला स्तर पर बड़ा मंच उपलब्ध कराना है।
एमएसएमई, खादी, हथकरघा व वस्त्र मंत्री राकेश सचान (Rakesh Sachan) ने प्रेसवार्ता में जानकारी दी कि दीपावली से पहले आयोजित होने वाले ये मेले छोटे उद्यमियों और कारीगरों के घरों में खुशहाली व मुस्कान लाने का माध्यम बनेंगे। उन्होंने लोगों से अपील की कि दीपावली की खरीदारी में स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दें और ‘वोकल फॉर लोकल’ के मंत्र को साकार करें।

अधिक फुटफॉल वाले क्षेत्रों में मेले, कारीगरों को मिलेगा हर तरह का सहयोग

राकेश सचान ने बताया कि यूपीआईटीएस ने प्रदेश के कारीगरों, शिल्पियों और उद्यमियों के उत्पादों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान किया। इसी तर्ज पर अब जिलों में भी ऐसे मेलों का आयोजन होगा। सभी जिलों में हाई फुटफॉल वाले इलाकों में टेंट लगाकर ये मेले आयोजित किए जाएंगे ताकि अधिकतम लोग स्थानीय उत्पादों तक पहुंच सकें।
सचान ने कहा कि गांवों से आने वाले कारीगरों को उनके उत्पाद लाने के लिए किराया व आवश्यक मदद सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जाएगी। यह प्रयास न केवल उनकी आय बढ़ाने का जरिया बनेगा बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगा।

UPITS की सफलता से मिली प्रेरणा, 96 लाख एमएसएमई इकाइयों को मिलेगा लाभ

सचान ने कहा कि हाल ही में 25 से 29 सितंबर तक ग्रेटर नोएडा में आयोजित UPITS के तीसरे संस्करण ने बड़ी सफलता हासिल की। इस कार्यक्रम में 2,200 से अधिक स्टॉल लगे, 80 देशों के 500 से अधिक खरीदारों ने रुचि दिखाई और 5 लाख से ज्यादा लोगों ने मेला देखा। इसमें 12,500 करोड़ रुपये की व्यावसायिक पूछताछ भी दर्ज की गई।
इसी उपलब्धि से प्रेरित होकर 9 से 19 अक्टूबर तक प्रदेशव्यापी स्वदेशी मेले आयोजित होंगे, जिनमें 96 लाख एमएसएमई इकाइयों के उत्पादों के प्रदर्शन और बिक्री का अवसर मिलेगा। राकेश सचान ने बताया कि यह पहल ‘आत्मनिर्भर भारत-आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश’ और ‘विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश’ के लक्ष्य को साकार करने में अहम भूमिका निभाएगी।

दीपावली पर स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा, गांवों तक पहुंचेगा लाभ

मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा है कि स्थानीय कारीगरों और उत्पादों को प्रोत्साहित कर गांवों की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जाए। उन्होंने कहा कि दीपावली के अवसर पर लोग माटीकला बोर्ड द्वारा तैयार दीये, झालर, कलाकृतियां, खादी और ओडीओपी उत्पाद खरीदें। इससे न केवल गांवों के कारीगरों की आमदनी बढ़ेगी बल्कि विदेशी उत्पादों पर निर्भरता भी घटेगी।
उन्होंने बताया कि मेले में भाग लेने के लिए उद्यमियों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा और उन्हें सभी प्रकार की सहायता प्रदान की जाएगी। यह पहल वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बीच स्थानीय उद्यमियों और कारीगरों के लिए बड़ा सहारा साबित होगी।

सीएम युवा उद्यमी योजना से 95 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार

सचान ने बताया कि प्रदेश में सीएम युवा उद्यमी योजना के अंतर्गत युवाओं को स्वरोजगार के लिए 5 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। अब तक 95 हजार से अधिक युवा इस योजना से जुड़ चुके हैं। इससे न केवल रोजगार सृजन हो रहा है बल्कि बाजार में उच्च गुणवत्ता वाले स्थानीय उत्पाद भी उपलब्ध हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए 35 सेक्टरों की नीतियां बनाई हैं जिनके अंतर्गत विभिन्न प्रोत्साहन और लाभ पारदर्शी तरीके से जनता तक पहुंच रहे हैं।

सांसदों, मंत्रियों और विधायकों के हाथों होगा मेलों का शुभारंभ

प्रदेश के सभी जिलों में स्वदेशी मेलों का उद्घाटन केंद्र व राज्य सरकार के जनप्रतिनिधियों द्वारा किया जाएगा।
लखनऊ में उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक मेला शुरू करेंगे, जबकि अयोध्या में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, आगरा में बेबी रानी मौर्य, प्रयागराज में नंद गोपाल गुप्ता नंदी, कानपुर और फतेहपुर में एमएसएमई मंत्री राकेश सचान, गोरखपुर में संभवतः सीएम योगी आदित्यनाथ उद्घाटन करेंगे। इसी तरह अन्य जिलों में स्थानीय मंत्री और सांसद शुभारंभ करेंगे।

यह स्वदेशी मेला न सिर्फ कारीगरों और छोटे उद्यमियों के लिए नया अवसर बनेगा बल्कि आत्मनिर्भरता की राह पर उत्तर प्रदेश को आगे बढ़ाएगा। दीपावली के मौके पर यह पहल स्थानीय उत्पादों की बिक्री बढ़ाकर ग्रामीण अंचलों की खुशहाली और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में ऐतिहासिक भूमिका निभाएगी।

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