4 अगस्त को बांग्लादेश में सरकार विरोधी प्रदर्शनों ने एक बार फिर हिंसक रूप ले लिया, जिसमें करीब 100 लोग मारे गए और सैकड़ों लोग घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग की, जबकि प्रधानमंत्री ने उन्हें “तोड़फोड़” करने का आरोप लगाते हुए इंटरनेट सेवा बंद कर दी ताकि अशांति को नियंत्रित किया जा सके।
प्रथोम आलो और चैनल 24 की रिपोर्ट
देश के बंगाली भाषा के प्रमुख दैनिक समाचार पत्र प्रथोम आलो ने बताया कि इस हिंसा में कम से कम 95 लोग, जिनमें कम से कम 14 पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं, मारे गए हैं। चैनल 24 समाचार चैनल ने कम से कम 85 मौतों की पुष्टि की है।
संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख ने बांग्लादेश में जारी “चौंकाने वाली हिंसा” की निंदा करते हुए इसे तुरंत समाप्त करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की हिंसा को सहन नहीं किया जा सकता और सभी पक्षों से शांति और संयम की अपील की है।
सेना ने लगाया कर्फ्यू
सेना ने रविवार शाम से देश भर में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू की घोषणा की, जिसमें राजधानी ढाका और अन्य विभागीय तथा जिला मुख्यालय शामिल हैं। इससे पहले सरकार ने ढाका और अन्य स्थानों पर कुछ छूटों के साथ कर्फ्यू लगाया था।
प्रदर्शनकारियों की मांगें
प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग प्रधानमंत्री शेख हसीना का इस्तीफा है। पिछले महीने से शुरू हुए ये प्रदर्शन छात्रों द्वारा सरकारी नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली को समाप्त करने की मांग के साथ शुरू हुए थे। ये प्रदर्शन जल्दी ही हिंसक हो गए, जिसमें 200 से अधिक लोग मारे गए थे।
हिंसा की घटनाएं
हिंसा की घटनाओं में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच टकराव की खबरें सामने आई हैं। पुलिस ने आंसू गैस और पानी की बौछारों का उपयोग किया, जबकि प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी और आगजनी की। कई सरकारी इमारतों और वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया गया।
भारत ने जारी की यात्रा सलाह
बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा को देखते हुए भारत ने अपने नागरिकों के लिए यात्रा सलाह जारी की है। विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों को अनावश्यक यात्रा से बचने और बांग्लादेश में रहने वाले भारतीयों को सतर्क रहने की सलाह दी है। मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों से अपील की है कि वे स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करें।