महिला 50 किग्रा वर्ग में ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट का मेडल उनके हाथ से निकल गया जब वे फाइनल के दिन सुबह वजन नहीं बना पाईं। विनेश का वजन 50 किग्रा की सीमा से 150 ग्राम ज्यादा था, जिसके कारण उन्हें प्रतियोगिता से अयोग्य घोषित कर दिया गया। इस घटना के बाद उन्हें फाइनल में प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति नहीं दी गई और उनका सिल्वर मेडल भी छीन लिया जाएगा। यह घटना विनेश और भारतीय खेल प्रेमियों के लिए एक बड़ा झटका है।
प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया
राहुल गाँधी की प्रतिक्रिया
चरम प्रयासों के बावजूद असफलता
विनेश और उनके कोच और सपोर्ट स्टाफ ने वजन कम करने के लिए हर संभव प्रयास किए। इनमें चरम उपाय जैसे बाल कटवाना और खून निकालना भी शामिल था, लेकिन उनके प्रयास विफल रहे। सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पी.टी. उषा से इस मामले पर बात की और स्थिति की जानकारी ली। यह घटना विनेश के लिए बेहद निराशाजनक थी, क्योंकि उन्होंने अपने जीवन का सबसे बड़ा अवसर खो दिया।
UWW के नियमों के तहत कार्रवाई
यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) के नियमों के अनुसार- “यदि कोई एथलीट वेट-इन में उपस्थित नहीं होता या वेट-इन में विफल हो जाता है तो उसे प्रतियोगिता से बाहर कर दिया जाएगा और अंतिम स्थान पर रखा जाएगा।” विनेश फोगाट ऐसी पहली एथलीट हैं जिन्हें वेट न बनाने के कारण फाइनल से अयोग्य घोषित किया गया है। यह नियम किसी भी एथलीट के लिए बहुत कठोर हो सकता है, लेकिन यह सुनिश्चित करता है कि सभी प्रतियोगियों के लिए समान नियम लागू हों।
ओलंपिक सफर और इतिहास रचना
विनेश फोगाट मंगलवार (6 अगस्त 2024) को इतिहास रचते हुए ओलंपिक्स फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गईं थीं। उन्होंने क्यूबा की युसनेलिस गज़मान को 5-0 से हराकर भारत के लिए मेडल सुनिश्चित किया था। यह उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि थी, लेकिन यह सफलता अंततः उनके हाथ से निकल गई। भारतीय ओलंपिक संघ ने एक बयान में कहा- “भारतीय दल के लिए यह दुखद सूचना है कि महिला कुश्ती 50 किग्रा वर्ग से विनेश फोगाट को अयोग्य घोषित किया गया है। टीम ने रातभर के प्रयासों के बावजूद वे सुबह वेट-इन में 50 किग्रा से कुछ ग्राम ज्यादा निकलीं। फिलहाल दल की ओर से कोई और टिप्पणी नहीं की जाएगी।”
भविष्य की चुनौतियां और उम्मीदें
विनेश फोगाट और साक्षी मलिक उन प्रमुख पहलवानों में से थीं जिन्होंने भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व प्रमुख पर यौन उत्पीड़न के आरोपों के खिलाफ प्रदर्शन किया था। विनेश, जो आमतौर पर 53 किग्रा वर्ग में प्रतिस्पर्धा करती थीं, ने ओलंपिक्स में हिस्सा लेने के लिए वजन वर्ग बदलकर 50 किग्रा किया था। उन्होंने अप्रैल में कहा था- “मुझे अपने वजन को बेहतर ढंग से प्रबंधित करना होगा। मैंने लंबे समय बाद अपना वजन 50 किग्रा पर किया है, इसलिए मैं इसे यथासंभव बनाए रखने की कोशिश करूंगी। मेरे लिए वजन न बढ़ना मुश्किल है क्योंकि मेरी मांसपेशियों का मास बहुत अधिक है।”
विनेश पहले भी रियो ओलंपिक्स और टोक्यो गेम्स में हार का सामना कर चुकी हैं जहां वे मेडल की दावेदार थीं लेकिन शुरुआती दौर में ही बाहर हो गई थीं। उनकी इस बार की असफलता ने उनके ओलंपिक सफर में एक और दिल तोड़ने वाला अध्याय जोड़ दिया है। इसके बावजूद विनेश की मेहनत और समर्पण ने उन्हें भारतीय खेल प्रेमियों के दिलों में एक खास जगह दिलाई है और उनकी आने वाली चुनौतियों और सफलता की उम्मीदें अभी भी जिंदा हैं।