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भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट के मामले की सुनवाई आज भारतीय समयानुसार दोपहर 12:30 बजे खेल पंचाट न्यायालय (Court of Arbitration for Sport – CAS) में होगी। इस मामले में भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की ओर से देश के जाने-माने वकील हरीश साल्वे पैरवी करेंगे। विनेश फोगाट का पेरिस ओलंपिक में अयोग्यता का मामला काफी चर्चा में रहा है, जहां उन्होंने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए ओलंपिक फाइनल तक का सफर तय किया था।
विनेश फोगाट का पेरिस ओलंपिक में ऐतिहासिक प्रदर्शन
विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक में इतिहास रचते हुए पहली भारतीय महिला पहलवान के रूप में ओलंपिक फाइनल में जगह बनाई थी। उन्होंने सबसे पहले जापान की विश्व और ओलंपिक चैंपियन युई सुसाकी को हराया जो कि सुसाकी के करियर की पहली अंतर्राष्ट्रीय हार थी। इसके बाद विनेश ने सेमीफाइनल मुकाबले में क्यूबा की युसनेलीस गुज़मैन को 5-0 से मात दी। इस प्रदर्शन के बाद विनेश ने कम से कम रजत पदक सुनिश्चित कर लिया था।
अयोग्यता और पदक से वंचित होना
हालांकि विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक से अयोग्य घोषित कर दिया गया क्योंकि उनका वजन 100 ग्राम अधिक पाया गया था। इस अयोग्यता के कारण उन्हें पदक से वंचित कर दिया गया बावजूद इसके कि उन्होंने ओलंपिक फाइनल में जगह बनाई थी। इस घटना के बाद विनेश ने कुश्ती से संन्यास की घोषणा भी कर दी।
खेल पंचाट न्यायालय में अपील
विनेश फोगाट ने अपनी अयोग्यता के खिलाफ खेल पंचाट न्यायालय (CAS) में अपील दायर की है और मांग की है कि उन्हें एक संयुक्त रजत पदक प्रदान किया जाए। इस मामले की सुनवाई आज सुबह 9:00 बजे (स्थानीय समयानुसार) शुरू होनी है जो भारतीय समयानुसार दोपहर 12:30 बजे होगी।
हरीश साल्वे: IOA के प्रतिनिधि
इस मामले में भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे पैरवी करेंगे। हरीश साल्वे ने इस बात की पुष्टि की है कि उन्हें IOA की ओर से विनेश फोगाट का प्रतिनिधित्व करने के लिए नियुक्त किया गया है।
हरीश साल्वे: भारत के प्रमुख वकील
हरीश साल्वे ने नागपुर विश्वविद्यालय से एलएलबी की पढ़ाई की और 1992 में दिल्ली हाई कोर्ट में वरिष्ठ वकील के रूप में नियुक्त हुए। उन्होंने नवंबर 1999 से नवंबर 2002 तक भारत के सॉलिसिटर जनरल के रूप में भी सेवाएं दीं। साल्वे कई हाई-प्रोफाइल मामलों में शामिल रहे हैं जिनमें कुलभूषण जाधव का मामला प्रमुख है। जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी, जिसमें साल्वे ने ₹1 की मामूली फीस लेकर उनका प्रतिनिधित्व किया और काफी प्रशंसा प्राप्त की।
हरीश साल्वे के अन्य प्रमुख मामले
हरीश साल्वे ने टाटा ग्रुप, मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज और आईटीसी ग्रुप जैसे प्रमुख क्लाइंट्स का प्रतिनिधित्व किया है। 2012 में उन्होंने वोडाफोन को सरकार के खिलाफ ₹11,000 करोड़ के टैक्स केस में जीत दिलाई। साल्वे ने भोपाल गैस त्रासदी मामले में केशब महिंद्रा का भी बचाव किया और बाबा रामदेव के समर्थकों पर मध्यरात्रि में हुई पुलिस कार्रवाई के मामले में दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व किया।
हरीश साल्वे की अंतर्राष्ट्रीय उपलब्धियाँ
साल 2015 में हरीश साल्वे को भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। 2018 में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में कावेरी जल विवाद मामले में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व किया। पिछले साल साल्वे को वेल्स और इंग्लैंड की अदालतों के लिए महारानी के काउंसिल के रूप में नियुक्त किया गया।
इस पूरे मामले की सुनवाई के परिणाम पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं, क्योंकि यह मामला न केवल भारतीय कुश्ती के लिए बल्कि ओलंपिक इतिहास में भी एक महत्वपूर्ण घटना बन चुका है।