लखनऊ, 7 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश (UTTAR PRADESH) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (YOGI ADITYANATH) ने महर्षि वाल्मीकि प्रकटोत्सव समारोह (VALMIKI JAYANTI) में सफाईकर्मियों के लिए बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश के सफाईकर्मी और अनुबंध पर कार्यरत कर्मचारी अपनी सैलरी सीधे सरकारी निगम से बैंक खाते में पाएंगे, न कि किसी आउटसोर्सिंग कंपनी के जरिए। साथ ही उन्हें 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर भी मिलेगा। सीएम योगी ने कहा, “यदि दुर्भाग्यवश किसी सफाईकर्मी के साथ कोई हादसा या दुर्घटना होती है, तो बैंक के जरिए 35-40 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की व्यवस्था की जाएगी। यह व्यवस्था प्रदेश के 80 हजार होमगार्ड्स पर पहले से लागू है और अब सफाईकर्मियों को भी इससे जोड़ा जाएगा।”

महर्षि वाल्मीकि की विरासत और चरित्र की महानता पर बल
सीएम योगी (YOGI ADITYANATH) ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने भारतीय आध्यात्मिक परंपरा को दिशा देने का कार्य किया। उन्होंने बताया कि जब महर्षि वाल्मीकि तपस्या और संयम से शुद्ध होकर लेखनी उठाने लगे, तो उन्होंने पहले महर्षि नारद से पूछा कि किस चरित्रवान पुरुष पर वह काव्य लिख सकते हैं। उन्हें समझ था कि चरित्र ही समाज और राष्ट्र के कल्याण का आधार है।
सीएम ने स्वामी विवेकानंद का उदाहरण देते हुए कहा कि जब वे शिकागो के धर्म संसद में गए तो विदेशी उनके वस्त्रों का मजाक उड़ा रहे थे। तब स्वामी जी ने जवाब दिया, “आपकी पहचान आपके वस्त्रों से होती है, लेकिन हमारी पहचान हमारे चरित्र से होती है।” यही शिक्षा भारत की संस्कृति की वास्तविक महानता है।
रामायण के मूल में मर्यादा पुरुषोत्तम राम और समाज की एकता
योगी आदित्यनाथ (YOGI ADITYANATH) ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के जीवन को अपनी रचना का केंद्र इसलिए बनाया क्योंकि राम धर्म और मर्यादा के प्रतीक हैं। उन्होंने कहा, “राम ने कभी लक्ष्मण रेखा नहीं लांघी और उनके चरित्र में भाई-भाई, पिता-पुत्र, माता-पुत्र और राजा-प्रजा के रिश्तों की मर्यादा झलकती है। यही कारण है कि हर युग में राम का आदर्श प्रासंगिक रहा है।”
सीएम ने अपील की कि हर घर में महर्षि वाल्मीकि की तस्वीर रखी जानी चाहिए क्योंकि हर रामायण पाठ की शुरुआत सबसे पहले वाल्मीकि जी को प्रणाम करके होती है। उन्होंने कहा कि भारत की संत परंपरा ने हर युग में समाज को दिशा दी—रामायण काल में महर्षि वाल्मीकि, महाभारत में वेदव्यास, मध्यकाल में संत रविदास और आजादी के दौर में डॉ. भीमराव अंबेडकर ने समाज को जागरूक किया।
समाज सुधार, शिक्षा और विपक्ष पर प्रहार
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी सरकार वाल्मीकि समाज के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। पीएम मोदी ने समाज के लिए ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना के साथ हर घर में शौचालय बनवाकर सिर पर मैला ढोने की कुप्रथा को समाप्त किया। सीएम योगी ने कहा कि अब सफाईकर्मियों के बेहतर वेतन की व्यवस्था की गई है और सभी गांवों में सामुदायिक शौचालय बनाए जा रहे हैं।
उन्होंने वाल्मीकि समाज से अपील की कि वे अपने बच्चों को पढ़ाएं और उन्हें काबिल बनाएं ताकि वे समाज के नेता बन सकें। सीएम ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी (एसपी) के शासन में सफाईकर्मियों का शोषण हुआ, उन्हें 4 हजार रुपये भी नहीं मिलते थे। एसपी ने बाबा साहेब अंबेडकर और अन्य समाज सुधारकों के नाम पर बने संस्थानों के नाम बदल दिए और वोट बैंक की राजनीति की। योगी ने कहा कि बीजेपी ने इन्हें बहाल किया और वाल्मीकि समाज के सम्मान को प्राथमिकता दी।
वाल्मीकि समाज की ताकत और रामराज्य का सपना
सीएम योगी (CM YOGI) ने कहा कि वाल्मीकि समाज की ताकत और प्रभाव पूरे देश में है। उन्होंने बताया कि अयोध्या में भगवान राम मंदिर परिसर में बने सात ऋषियों के मंदिरों में एक मंदिर महर्षि वाल्मीकि को समर्पित है और देश का पहला अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी अयोध्या में उनके नाम पर है।
सीएम ने कहा कि “जो लोग राम पर विश्वास नहीं करते और रामभक्तों पर गोली चलाते हैं, वे समाज में विभाजन फैलाते हैं, विकास नहीं कर सकते। महर्षि वाल्मीकि और श्रीराम के प्रति भक्ति जितनी प्रगाढ़ होगी, समाज उतना ही सशक्त और आत्मनिर्भर बनेगा, जो विकसित भारत के निर्माण में योगदान देगा।”
योगी आदित्यनाथ ने भरोसा जताया कि वाल्मीकि समाज के लोग महर्षि वाल्मीकि के आदर्शों से प्रेरणा लेकर ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के सपने को साकार करने में अहम भूमिका निभाएंगे।




