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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कुल 538 इलेक्टोरल कॉलेज सीटें होती हैं। यह सीटें 50 राज्यों और वॉशिंगटन डीसी के बीच विभाजित होती हैं, और हर राज्य के पास विभिन्न सीटों की संख्या होती है। इस प्रणाली में प्रत्येक राज्य के मतदाताओं की भूमिका अहम होती है, क्योंकि वोटर अपने प्रतिनिधि का चुनाव करते हैं जो इलेक्टोरल कॉलेज में राष्ट्रपति के लिए वोट डालते हैं।
इलेक्टोरल कॉलेज: प्रतिनिधियों की संख्या का निर्धारण-US Presidential Election
अमेरिका के इलेक्टोरल कॉलेज में कुल 538 सीटें होती हैं। इनमें से किसी भी उम्मीदवार को राष्ट्रपति बनने के लिए कम से कम 270 सीटों की आवश्यकता होती है। ये सीटें अमेरिका के विभिन्न राज्यों की जनसंख्या के आधार पर आवंटित होती हैं। सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्यों, जैसे कैलिफोर्निया (55 सीटें), टेक्सास (38 सीटें), फ्लोरिडा (29 सीटें), और न्यूयॉर्क (29 सीटें), के पास अधिक सीटें हैं।
चुनाव प्रक्रिया और इलेक्टोरल वोटिंग प्रणाली- US Presidential Polls
अमेरिका में चुनाव की प्रक्रिया कई चरणों में होती है। पहले चरण में मतदाता अपने राज्य में उम्मीदवारों को वोट करते हैं। इस वोटिंग के आधार पर राज्यों के प्रतिनिधि निर्धारित होते हैं, जो इलेक्टोरल कॉलेज में राष्ट्रपति के लिए वोट डालते हैं। यह प्रणाली “विजेता-सभी को लेता है” सिद्धांत पर काम करती है, जहाँ अधिक वोट प्राप्त करने वाले उम्मीदवार को राज्य की सभी सीटें मिलती हैं (मेन और नेब्रास्का को छोड़कर)।
प्रमुख सीटों और बैटलग्राउंड स्टेट्स का महत्व
चुनाव में बैटलग्राउंड स्टेट्स या स्विंग स्टेट्स का विशेष महत्व होता है। इनमें फ्लोरिडा, पेन्सिलवेनिया, ओहायो, और एरिजोना जैसे राज्य शामिल होते हैं जहाँ परिणाम अप्रत्याशित होते हैं। इन राज्यों में उम्मीदवारों का प्रचार सबसे अधिक होता है, क्योंकि यहाँ एक छोटी जीत भी चुनाव के परिणाम को प्रभावित कर सकती है।
इलेक्टोरल कॉलेज के विवाद और बहुमत मत का अंतर
अमेरिकी चुनाव में इलेक्टोरल कॉलेज प्रणाली के कारण कई बार ऐसा हुआ है कि उम्मीदवार बहुमत मत (पॉपुलर वोट) प्राप्त करने के बाद भी राष्ट्रपति नहीं बन पाया। जैसे कि 2016 में डोनाल्ड ट्रम्प ने इलेक्टोरल कॉलेज के माध्यम से जीत दर्ज की थी, जबकि पॉपुलर वोट में हिलेरी क्लिंटन आगे थीं। इस प्रणाली पर लगातार बहस होती रही है, लेकिन अब तक इसे समाप्त नहीं किया गया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव एक विस्तृत और जटिल प्रक्रिया है जिसमें इलेक्टोरल कॉलेज की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। कुल 538 सीटों में से 270 सीटें हासिल करने वाले उम्मीदवार को राष्ट्रपति बनने का अधिकार प्राप्त होता है।




