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बांग्लादेश में हाल के दिनों में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों के बीच, भारतीय-अमेरिकी कांग्रेस सदस्य श्री थानेदार ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को पत्र लिखकर राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन से हस्तक्षेप की अपील की है। उन्होंने बांग्लादेश में ‘संगठित’ हमलों को रोकने और हिंसा से पीड़ित हिंदू अल्पसंख्यकों और अन्य धार्मिक समूहों के लिए अस्थायी सुरक्षा के तहत शरणार्थी का दर्जा देने की मांग की है। श्री थानेदार ने अपने पत्र में कहा- “बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर किए जा रहे संगठित हमलों के बीच, अमेरिका की जिम्मेदारी बनती है कि वह हिंसा और अस्थिरता को समाप्त करने के लिए बांग्लादेश के नए प्रशासन की सहायता करे।”
बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस की भूमिका और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा
84 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को हाल ही में बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। यूनुस, जो एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री हैं, अब एक 16-सदस्यीय सलाहकार परिषद के साथ बांग्लादेश के अंतरिम सरकार का नेतृत्व करेंगे। यह बदलाव 5 अगस्त को हुए शेख हसीना की सरकार के पतन और उनके भारत भागने के बाद हुआ है। हालांकि शेख हसीना सरकार के पतन के तुरंत बाद, बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है, जिससे देश में एक बार फिर से अस्थिरता का माहौल पैदा हो गया है।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया और कांग्रेस में सुनवाई की मांग
श्री थानेदार ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोग सहित अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के कई सदस्य इन हमलों की कड़ी निंदा कर चुके हैं। उन्होंने कहा- “कांग्रेस के अवकाश से लौटने पर, हमें सुनवाई करनी चाहिए कि बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समूहों की सुरक्षा में असफलता क्यों हुई और भविष्य में ऐसे हमलों को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि यह समय है जब अमेरिका को बांग्लादेश में पीड़ित अल्पसंख्यकों को इस संकट से उबारने के लिए हर संभव मदद करनी चाहिए।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों की गंभीरता
बांग्लादेश की 170 मिलियन की आबादी में हिंदू अल्पसंख्यक लगभग 8% (1.3 करोड़, 2022 की जनगणना के अनुसार) हैं। शेख हसीना सरकार के पतन के बाद, बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद और बांग्लादेश पूजा उत्सव परिषद द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, देश के 52 जिलों में कम से कम 205 हमले दर्ज किए गए हैं। इन हमलों ने देश के अल्पसंख्यक समुदाय को एक बार फिर से असुरक्षित और डरा हुआ महसूस कराया है। इस स्थिति को देखते हुए, श्री थानेदार ने अंतर्राष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग की है ताकि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों को हिंसा से सुरक्षा मिल सके।