प्रतीकात्मक चित्र
सरकारी कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही मांगों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को मंजूरी दे दी है। नई पेंशन योजना, जिसे यूनिफाइड पेंशन स्कीम नाम दिया गया है, उसमे पुरानी न्यू पेंशन स्कीम (NPS) की खामियों को दूर करने का प्रयास किया गया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट सचिव टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था, जिसने विभिन्न संगठनों और राज्यों के साथ 100 से अधिक बैठकें कीं। इन विस्तारपूर्ण विचार-विमर्श के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और वर्ल्ड बैंक जैसे प्रमुख संस्थानों से भी परामर्श लिया गया, जिसके बाद यूनिफाइड पेंशन स्कीम को तैयार किया गया। UPS के पांच प्रमुख स्तंभ हैं- जिनमें सबसे महत्वपूर्ण है ‘निश्चित पेंशन'(Assured Pension) जो रिटायरमेंट के बाद की वित्तीय सुरक्षा को सुनिश्चित करता है।
निश्चित पेंशन (Assured Pension) और फैमिली पेंशन का प्रावधान
यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत रिटायर होने वाले कर्मचारी को उसकी अंतिम 12 महीनों के औसत बेसिक पे का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा बशर्ते कि उसने कम से कम 25 साल की सेवा पूरी की हो। जिन कर्मचारियों ने 10 से 25 साल की सेवा पूरी की है, उन्हें सेवा की अवधि के अनुसार पेंशन दी जाएगी। इसके अलावा अगर किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो उनके परिवार को उस पेंशन का 60% हिस्सा मिलेगा, जो वह कर्मचारी अपनी मृत्यु से पहले प्राप्त कर रहा था। इस प्रावधान का उद्देश्य कर्मचारियों के परिवारों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है, ताकि उनकी जीवनशैली पर इसका नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
न्यूनतम ₹10,000 की पेंशन गारंटी
यूनिफाइड पेंशन स्कीम में यह भी प्रावधान है कि जो कर्मचारी कम से कम 10 साल की सेवा पूरी कर चुके हैं, उन्हें ₹10,000 प्रति माह की न्यूनतम पेंशन की गारंटी दी जाएगी। यह प्रावधान विशेष रूप से उन कर्मचारियों के लिए लाभकारी है जिनकी वेतन श्रेणी कम है। इस गारंटी के माध्यम से उन्हें महंगाई और वित्तीय अनिश्चितताओं से बचाया जा सकेगा, जिससे उनके रिटायरमेंट के बाद का जीवन सुरक्षित और स्थिर रहे। इस नई पेंशन स्कीम के लागू होने से सरकारी कर्मचारियों के भविष्य की वित्तीय सुरक्षा को मजबूती मिलेगी और उन्हें आर्थिक रूप से अधिक स्थिरता प्राप्त होगी।