लखनऊ, 13 अक्टूबर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Aditynath) की अध्यक्षता में सोमवार को सम्पन्न इन्वेस्ट यूपी (Invest UP) शासी निकाय की बैठक में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में औद्योगिक निवेश (Industrial Investment) और विकास ढांचे को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए कई अहम निर्णय लिए गए। मुख्यमंत्री ने बैठक में स्पष्ट किया कि इन निर्णयों का लाभ केवल निवेशकों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि आम जनमानस, युवा और स्थानीय उद्यमियों को भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से फायदा मिलेगा। विशेषज्ञ सेल और सैटेलाइट ऑफिस से निवेश प्रक्रिया होगी तेज, नई फैक्ट्रियों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के आने से स्थानीय रोजगार (Employment) और व्यवसाय को मिलेगा फायदा।
बैठक में तय किया गया कि टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल एवं इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, केमिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और सर्विस सेक्टर में विशेषज्ञ सेल गठित किए जाएंगे। इन विशेषज्ञ सेल का उद्देश्य निवेशकों को परियोजना योजना, भूमि, अनुमतियाँ, सब्सिडी और अन्य औद्योगिक सुविधाओं की जानकारी देना है। इससे निवेश प्रक्रिया सरल होगी और नए उद्योग तेजी से स्थापित होंगे। इसके साथ ही मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई और नई दिल्ली में सैटेलाइट इन्वेस्टमेंट ऑफिस स्थापित किए जाएंगे। इन कार्यालयों के माध्यम से निवेशकों का संवाद सीधे प्रदेश में संचालित औद्योगिक इकाइयों से जोड़ा जाएगा, जिससे निवेश में वृद्धि होगी और रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्वेस्ट यूपी का पुनर्गठन इसे अधिक कार्यकुशल, विशेषज्ञता-आधारित और निवेशक-केंद्रित संस्था बनाएगा। बैठक में 11 महाप्रबंधक/सहायक महाप्रबंधक पदों पर कार्योत्तर स्वीकृति दी गई और दो संयुक्त मुख्य कार्यपालक अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर तैनात किया गया। इसके अलावा भूमि बैंक प्रकोष्ठ का गठन भी किया गया है, जिसमें दो पीसीएस अधिकारी उपजिलाधिकारी/अपर जिलाधिकारी स्तर पर तैनात होंगे।
नए ढांचे के तहत इन्वेस्ट यूपी एक ‘एकल निवेश सुविधा एजेंसी’ के रूप में कार्य करेगी। इसका मतलब है कि निवेशक योजना से लेकर निर्माण और संचालन तक हर कदम पर सहायता पाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ढांचा निवेशकों के लिए पारदर्शी और दक्ष होगा, जिससे प्रदेश में औद्योगिक इकाइयों की संख्या बढ़ेगी और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। 2024-25 में लगभग 4,000 नई फैक्ट्रियाँ स्थापित हुईं, जिससे कुल औद्योगिक इकाइयों की संख्या 27,000 तक पहुंच गई। इससे स्थानीय कारीगरों, श्रमिकों और छोटे उद्यमियों को भी लाभ मिला है।
बैठक में निवेश प्रोत्साहन और सुविधा व्यवस्था की समीक्षा भी की गई। फॉर्च्यून 1000 सूची की 814 कंपनियों को अकाउंट मैनेजर आवंटित किए गए हैं, 50 नए एमओयू हस्ताक्षरित हो चुके हैं और 280 से अधिक कंपनियों से संवाद प्रगति पर है। मुख्यमंत्री ने निवेश मित्र पोर्टल 3.0 के माध्यम से आवेदन, स्वीकृति और प्रोत्साहन प्रक्रिया को डिजिटल और सरल बनाने के निर्देश दिए। पोर्टल में सिंगल साइन-ऑन, डायनेमिक एप्लीकेशन सिस्टम, एआई आधारित चैटबॉट, थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन और डिजिटल मॉनिटरिंग जैसी सुविधाएँ शामिल की गई हैं। इसके परिणामस्वरूप औपचारिकताएँ 50% तक कम होंगी और प्रक्रिया समय में 30% तक घटेगा। इसका प्रत्यक्ष लाभ आमजन को यह होगा कि नई फैक्ट्रियाँ समय पर स्थापित होंगी और स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
मुख्यमंत्री ने ‘सेफ इंडस्ट्री’ की परिकल्पना भी पेश की। औद्योगिक क्षेत्रों में सीसीटीवी और सुरक्षा इंतज़ाम बढ़ाने से निवेशक और उद्यमी सुरक्षित महसूस करेंगे। सुरक्षित और व्यवस्थित उद्योगिक क्षेत्र न केवल निवेशकों के लिए भरोसेमंद होंगे, बल्कि इसमें काम करने वाले स्थानीय श्रमिकों और कर्मचारियों के लिए भी सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
फोकस कंट्री डेस्क के माध्यम से जापान, दक्षिण कोरिया, जर्मनी, फ्रांस, रूस, ताइवान, सिंगापुर और खाड़ी देशों के निवेशकों से सक्रिय संवाद स्थापित किया जाएगा। ‘चाइना+1’ रणनीति के तहत 219 बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ उत्तर प्रदेश में निवेश प्रक्रिया के सक्रिय चरण में हैं। इससे प्रदेश में बहुराष्ट्रीय कंपनियों का निवेश आएगा, स्थानीय उद्योग बढ़ेंगे और रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
भूमि अधिग्रहण के मामलों में किसानों और व्यापारियों को उचित मुआवजा और सर्किल रेट असमानताओं के निवारण के निर्देश भी दिए गए। आमजनमानस के लिए यह विशेष लाभकारी है क्योंकि उन्हें निवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता, न्याय और समय पर मुआवजा सुनिश्चित होगा। इसके साथ ही अप्रयुक्त औद्योगिक भूखंडों को समय पर नए निवेशकों को आवंटित किया जाएगा, जिससे भूमि का सदुपयोग और औद्योगिक विस्तार तेज़ होगा।
मुख्यमंत्री ने औद्योगिक बिल्डिंग बायलॉज को निवेशक हितैषी बनाने और विभागों को समय पर इंसेंटिव वितरित करने के निर्देश दिए। इसका सीधा असर स्थानीय रोजगार, प्रशिक्षण और छोटे उद्यमों के विकास में दिखाई देगा।
बैठक में औद्योगिक विकास, निवेश एवं निर्यात प्रोत्साहन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’, नगर विकास मंत्री अरविंद शर्मा, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री राकेश सचान, औद्योगिक विकास राज्य मंत्री जसवंत सिंह सैनी और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक में कहा कि इन निर्णयों से उत्तर प्रदेश न केवल निवेशकों के लिए आकर्षक बनेगा, बल्कि आमजन के लिए रोजगार, सुरक्षित औद्योगिक माहौल, स्थानीय व्यवसाय और आर्थिक विकास के नए अवसर उपलब्ध कराएगा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में औद्योगिक निवेश की इस नई दिशा से युवाओं को भविष्य की सुरक्षा, कौशल विकास और समृद्धि का मार्ग मिलेगा।
संबंधित खबर- CAG ने UTTAR PRADESH को बताया देश का फाइनेंशियल रोल मॉडल, पूंजीगत व्यय में रचा इतिहास




