हसीना का निर्वासन के बाद पहला बयान : अमेरिका हथियाना चाहता था सेंट मार्टिन द्वीप
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने नाटकीय इस्तीफे और भारत के लिए प्रस्थान के एक सप्ताह बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से अपनी बात रखी है।
सत्य , निष्पक्ष , बेबाक़
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने नाटकीय इस्तीफे और भारत के लिए प्रस्थान के एक सप्ताह बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से अपनी बात रखी है।
भारत को पहले से ही यह अंदेशा था कि अमेरिका और ब्रिटेन, शेख हसीना की सरकार को उखाड़ फेंकने की योजना बना रहे थे।
15 अगस्त 1975 को शेख हसीना के पिता, बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान को 18 अन्य परिवार के सदस्यों के साथ बेरहमी से मार डाला गया था। यह घटना बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल और सैन्य शासन के कारण हुई। उस समय शेख हसीना अपने पति एम ए वाजेद मियां के साथ पश्चिम जर्मनी में थीं। उन्हें भारत में शरण मिली, जिसने बांग्लादेश के 1971 के मुक्ति युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और देश छोड़ने के बाद, विरोध प्रदर्शन के नेता नाहिद इस्लाम का नाम सामने आया है। नाहिद इस्लाम ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ आंदोलन के राष्ट्रीय समन्वयकों में से एक हैं, जो सरकारी नौकरियों में कोटा प्रणाली में सुधार की मांग करने वाला एक छात्र-नेतृत्व वाला विरोध प्रदर्शन है।
अमेरिका में बसे सजीब वाजेद जॉय जो शेख हसीना के मुख्य सलाहकार भी थे, उन्होने कहा कि उनकी मां देश छोड़ना नहीं चाहती थीं, लेकिन सुरक्षा कारणों से उन्हें ऐसा करना पड़ा। एनडीटीवी को दिए गए इंटरव्यू में जॉय ने कहा कि उनकी मां “अच्छे मूड” में हैं, लेकिन वह बहुत “निराश और दुखी” हैं।
केंद्र द्वारा बुलाई गई इस सर्वदलीय बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू समेत कई शीर्ष केंद्रीय मंत्री शामिल हुए।
पीएम पद और बांग्लादेश छोड़कर अवामी लीग की नेता और बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत पहुंच चुकी हैं. ऐसा पता चला है कि उनका विमान दिल्ली से सटे गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर उतरा है . प्राप्त जानकारी के अनुसार उन्होंने यहां रहने के लिए शरण तो नहीं मांगी है पर वह कुछ समय तक भारत में जरूर रह सकती हैं। कुछ समय बाद यहां से लंदन (यूके) के लिए रवाना होने की सम्भावना है। आइये एक नज़र उनके जीवन और राजनैतिक कॅरियर पर डालते हैं।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का अचानक गायब होना एक बड़ा रहस्य बन गया है। ढाका में उनके आलीशान निवास पर प्रदर्शनकारियों के हंगामे के बाद 76 वर्षीय नेता देश छोड़कर चली गईं।
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