मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए आयोजित राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (NEET 2024) को लेकर चिंताओं के बीच, सुप्रीम कोर्ट ने आज राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) को कड़ी फटकार लगाई, जो मेडिकल कॉलेजमें एडमिशन के इच्छुक छात्रों के लिए यह परीक्षा आयोजित करती है।
सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणियाँ:
सुप्रीम कोर्ट ने कहा -“अगर किसी की भी 0.001% लापरवाही है, तो उसे पूरी तरह से निपटना चाहिए,”। सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा में कथित अनियमितताओं को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि वह NTA से “समय पर कार्रवाई” की उम्मीद करता है और एजेंसी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी उम्मीदवारों के साथ निष्पक्ष व्यवहार किया जाए।
निष्पक्षता की उम्मीद:
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने NTA से कहा -“एक एजेंसी के रूप में जो परीक्षा आयोजित कर रही है, आपको निष्पक्षता से कार्य करना चाहिए। अगर कोई गलती है, तो कहें हां, यह एक गलती है, और यह वह कार्रवाई है जिसे हम करने जा रहे हैं। कम से कम इससे आपके प्रदर्शन में विश्वास आता है,” ।
छात्रों के प्रयासों का सम्मान:
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि एजेंसी को यह नहीं भूलना चाहिए कि छात्र इस कठिन प्रवेश परीक्षा के लिए कितनी मेहनत करते हैं। उन्होंने कहा -“कल्पना करें कि एक व्यक्ति जिसने प्रणाली के साथ धोखाधड़ी की है, वह डॉक्टर बन जाता है, वह समाज के लिए अधिक हानिकारक है। बच्चे NEET में पास होने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं,” ।
अगली सुनवाई की तारीख:
इस मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी।
NTA का जवाब:
पिछले सप्ताह, NTA ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि NEET-UG परीक्षा में 1,563 उम्मीदवारों को दिए गए ग्रेस मार्क्स को समाप्त किया जाएगा और उम्मीदवारों को 23 जून को फिर से परीक्षा देने का विकल्प मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि पुन: परीक्षा के परिणाम 30 जून से पहले घोषित किए जाएंगे। यदि इनमें से कोई भी उम्मीदवार पुन: परीक्षा नहीं देना चाहता है, तो उनके पहले के स्कोर को बिना अतिरिक्त अंकों के बहाल किया जाएगा।
NEET परीक्षा में अनियमितताओं के आरोप:
5 मई को 24 लाख छात्रों द्वारा ली गई मेडिकल प्रवेश परीक्षा के परिणाम 4 जून को घोषित किए गए थे। परीक्षा पेपर लीक होने के आरोप जल्द ही सामने आए। 67 छात्रों ने 720/720 का पूर्ण स्कोर प्राप्त किया। कई छात्रों को परीक्षा केंद्र पर समय की हानि की भरपाई के लिए कथित रूप से ग्रेस मार्क्स दिए गए थे।
छात्र संगठनों के विरोध:
कई छात्र संगठनों ने कथित NEET अनियमितताओं, जैसे गलत प्रश्न पत्रों का वितरण, ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन (OMR) शीट्स का फटना, या शीट्स के वितरण में देरी के खिलाफ विरोध किया है।