सुल्तानपुर चुनाव विवाद: समाजवादी पार्टी सांसद राम भुआल निषाद का मेनका गांधी पर जुबानी हमला

Sultanpur election controversy: Samajwadi Party MP Ram Bhual Nishad's verbal attack on Maneka Gandhi

image credit-social media

सुल्तानपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद राम भुआल निषाद ने शनिवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी पर तीखा हमला किया, उन्हें “हताश” बताया। बीजेपी ने इस टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। जब पत्रकारों ने निषाद से मेनका गांधी द्वारा उनके खिलाफ हाई कोर्ट में दायर याचिका के बारे में पूछा तो उन्होंने मेनका की तुलना “खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे” से की, जो उनकी हताशा को इंगित कर रहा था।

निषाद ने कहा- “जनता ने उन्हें (मेनका गांधी) चुनाव में हरा दिया है, उन्हें इसे स्वीकार करना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा कि अगर गांधी को कोई आपत्ति थी, तो उन्हें नामांकन पत्रों की जांच के दौरान ही इसे उठाना चाहिए था। निषाद ने कहा- “उन्होंने जो याचिका सात दिन की समय सीमा के बाद दायर की है, उसका कोई महत्व नहीं है” । गौरतलब है कि राम भुआल निषाद ने हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में सुल्तानपुर से बीजेपी उम्मीदवार मेनका गांधी को हराया था।

बीजेपी की कड़ी प्रतिक्रिया

राम भुआल निषाद की इस टिप्पणी पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। पार्टी के राज्य प्रवक्ता हरीश चंद्र श्रीवास्तव ने कहा- “इस तरह की अशोभनीय टिप्पणी एक वरिष्ठ नेता के प्रति निंदनीय है। राम भुआल निषाद को अनुचित टिप्पणी करने के बजाय न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान करना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा- “अशोभनीय भाषा हमेशा से समाजवादी पार्टी की पहचान रही है, और यह घटना इसका सबूत है। उत्तर प्रदेश की जनता एसपी को उचित जवाब देगी।”

चुनाव याचिका की पृष्ठभूमि

यह विवाद उस याचिका के मद्देनजर उत्पन्न हुआ है जो मेनका गांधी ने सुल्तानपुर संसदीय सीट पर राम भुआल निषाद के चुनाव को चुनौती देते हुए दाखिल की है। यह याचिका इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में दायर की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि निषाद ने अपने नामांकन हलफनामे में अपने आपराधिक रिकॉर्ड का विवरण छुपाया था। गांधी के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बहस करते हुए कहा कि याचिका दाखिल करने में हुई देरी को माफ किया जाना चाहिए और मामले को उसके गुणों पर सुना जाना चाहिए।

कोर्ट का फैसला आरक्षित

कोर्ट ने याचिका की स्थिरता पर अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया है। मेनका गांधी का दावा है कि निषाद के खिलाफ 12 आपराधिक मामले लंबित हैं, लेकिन उन्होंने अपने हलफनामे में केवल आठ का ही खुलासा किया। इस याचिका के चलते दोनों नेताओं के बीच राजनीतिक संघर्ष और तीखा हो गया है, जिससे सुल्तानपुर की राजनीति में गर्माहट आ गई है। निषाद की टिप्पणी और बीजेपी की प्रतिक्रिया से यह साफ है कि आगामी कानूनी लड़ाई और अधिक तीव्र हो सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *