श्रावण मास: भगवान शिव के प्रिय महीने में भूलकर भी न करें तामसिक भोजन, सात्विक भोजन का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व

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श्रावण मास हिंदुओं के लिए एक पवित्र और महत्वपूर्ण महीना है। यह महीना उत्सवों और धार्मिक अनुष्ठानों से भरा होता है, जिसमें रक्षाबंधन, नाग पंचमी, ओणम जैसे त्यौहार शामिल हैं। श्रावण मास में केवल शाकाहारी भोजन करने के पीछे कई धार्मिक और वैज्ञानिक कारण होते हैं।

त्योहारों का महीना

श्रावण मास को त्योहारों और उत्सवों का महीना माना जाता है। इस महीने में रक्षाबंधन, नाग पंचमी, ओणम जैसे प्रमुख त्यौहार आते हैं। यह समय भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को मनाने का होता है। इस दौरान लोग धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेते हैं और अपने परिवार के साथ समय बिताते हैं। इन उत्सवों के दौरान शाकाहारी भोजन को प्राथमिकता दी जाती है क्योंकि यह शुद्धता और सादगी का प्रतीक होता है।

भगवान शिव का महीना

श्रावण मास को भगवान शिव का पवित्र महीना माना जाता है। इस महीने में सावन शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। हर सोमवार, जिसे श्रावण सोमवार कहा जाता है, भक्त भगवान शिव की पूजा करते हैं और उपवास रखते हैं। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए लोग शाकाहारी भोजन करते हैं और मांसाहार से परहेज करते हैं। यह धार्मिक मान्यता है कि शाकाहारी भोजन भगवान शिव को अधिक प्रिय है।

वर्षा जनित रोग

श्रावण मास में मानसून अपने चरम पर होता है और भारी बारिश होती है। इस दौरान जलजनित रोगों का खतरा बढ़ जाता है जैसे हेपेटाइटिस, हैजा और गैस्ट्राइटिस। इस समय में स्वच्छता की स्थिति भी खराब हो जाती है और संक्रमण का खतरा अधिक होता है। इसलिए मांसाहारी भोजन के बजाय शाकाहारी भोजन करना सुरक्षित माना जाता है ताकि इन बीमारियों से बचा जा सके।
इसके अलावा बारिश शुरू होते ही पत्तेदार सब्जियों पर कीड़े मकोड़े और सूक्ष्म जंतु पनपने लगते हैं , इसलिए श्रावण मास में पत्तेदार सब्जियों के सेवन की मनाही होती है। घास पर भी सूक्ष्म जंतु होते हैं और गाय-भैंस उसे खाती हैं और दूध देती हैं, इसलिए दूध और दही का सेवन भी वर्जित होता है।

कमजोर प्रतिरक्षा स्तर

आयुर्वेद के अनुसार, श्रावण मास में मानव शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है। इसलिए इस दौरान मसालेदार, तैलीय और मांसाहारी भोजन से परहेज करने की सलाह दी जाती है। शाकाहारी भोजन को गर्म, हल्का और कम मसालेदार बनाया जाता है जो पाचन के लिए आसान होता है और शरीर को स्वस्थ रखता है।

श्रावण मास हिंदू कैलेंडर का सबसे पवित्र महीना माना जाता है। यह त्योहारों, धार्मिक अनुष्ठानों और सामाजिक समारोहों का समय होता है। धार्मिक मान्यताओं और वैज्ञानिक कारणों को ध्यान में रखते हुए इस महीने में शाकाहारी भोजन का पालन करना सही माना जाता है। इस प्रकार, श्रावण मास में शाकाहारी भोजन का महत्व धार्मिक, स्वास्थ्य और नैतिक कारणों से जुड़ा होता है।

Disclaimer– इस लेख में दी गयी जानकारी विभिन्न मान्यताओं,धर्मग्रंथों और दंतकथाओं से ली गई हैं, सत्यसंवाद इन की पुष्टि नहीं करता।

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