बजट 2024 के बाद सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट: एसटीटी बढ़ोतरी का असर

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एफ एंड ओ पर एसटीटी बढ़ोतरी की घोषणा के बाद बाजार में हड़कंप

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 2024-25 के बजट में वायदा और विकल्प (एफ एंड ओ) प्रतिभूतियों पर सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) में वृद्धि की घोषणा के बाद सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट देखी गई। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स बजट प्रस्तुति की शुरुआत के साथ ही ऊंचा खुला, लेकिन कुछ ही मिनटों में लाल निशान में चला गया और दोपहर के व्यापार के दौरान 1,266.17 अंक गिरकर 79,235.91 पर आ गया। एनएसई निफ्टी भी प्रारंभ में बढ़त के साथ खुला, लेकिन जल्द ही अस्थिर रुझान आने के बाद 435.05 अंक गिरकर 24,074.20 पर बंद हुआ।

शुरुआती बढ़त के बाद बाजार में गिरावट

बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 264.33 अंक की बढ़त के साथ 80,766.41 तक पहुंचा था, जबकि निफ्टी 73.3 अंक की बढ़त के साथ 24,582.55 पर पहुंचा था। वित्त मंत्री की बजट प्रस्तुति के दौरान भारतीय शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। बजट प्रस्तुति में निर्मला सीतारमण ने एफ एंड ओ प्रतिभूतियों पर एसटीटी में 0.02 प्रतिशत और 0.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की। इसके बाद बाजार में भारी गिरावट देखी गई, जिससे निवेशकों की चिंताएं बढ़ गईं।

पूंजीगत लाभ में छूट और महंगाई पर सरकार का रुख

निर्मला सीतारमण ने बजट में मध्य और उच्च मध्य वर्ग के लिए कुछ वित्तीय संपत्तियों पर पूंजीगत लाभ छूट सीमा को बढ़ाकर ₹1.25 लाख प्रति वर्ष करने की योजना का भी ऐलान किया। उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में नीति अनिश्चितता के बावजूद भारत की आर्थिक वृद्धि ऊंचाई पर है। देश में महंगाई स्थिर बनी हुई है और यह 4 प्रतिशत की ओर बढ़ रही है, जबकि कोर महंगाई 3.1 प्रतिशत है।

सेंसेक्स के प्रमुख घटकों में लार्सन एंड टुब्रो, बजाज फाइनेंस, पावर ग्रिड, रिलायंस इंडस्ट्रीज, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और बजाज फिनसर्व सबसे बड़े नुकसान में रहे। वहीं, टाइटन, आईटीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर और अडानी पोर्ट्स सबसे बड़े लाभार्थियों में शामिल रहे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तीसरे कार्यकाल का यह पहला बजट है और बाजार की प्रतिक्रिया ने निवेशकों की चिंताओं को उजागर किया है। एसटीटी में वृद्धि का फैसला वित्तीय अनुशासन बनाए रखने के उद्देश्य से किया गया है, लेकिन इसके तात्कालिक प्रभाव ने शेयर बाजार में अस्थिरता पैदा कर दी है।

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