भारतीय शेयर बाजार में 23 अगस्त को अनिल अंबानी की प्रमोटेड कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। यह गिरावट उस समय आई जब भारतीय बाजार नियामक संस्था भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने अनिल अंबानी और उनकी कंपनियों के 24 अन्य अधिकारियों पर पांच साल के लिए प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंध लगा दिया।
शेयरों में भारी गिरावट
सुबह 12:05 बजे तक रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयरों में 10 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई, जिससे इसकी कीमत NSE पर ₹210.64 रह गई। इसके साथ ही रिलायंस होम फाइनेंस के शेयरों में भी 5.12 प्रतिशत की गिरावट आई और इसकी कीमत ₹4.45 पर आ गई। सत्र के शुरुआती दौर में रिलायंस पावर के शेयरों ने 52 सप्ताह का उच्चतम स्तर छू लिया था, लेकिन SEBI के प्रतिबंध के बाद इसमें भी तेज गिरावट आई और यह 5 प्रतिशत गिरकर ₹34.48 पर बंद हुआ।
SEBI का कड़ा रुख: अनिल अंबानी और उनकी कंपनियों पर लगा भारी जुर्माना
SEBI ने अनिल अंबानी पर ₹25 करोड़ का जुर्माना लगाया और उन्हें प्रतिभूति बाजार में किसी भी भूमिका से पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया। इसके अलावा SEBI ने रिलायंस होम फाइनेंस पर छह महीने के लिए बाजार से प्रतिबंध लगा दिया और उस पर ₹6 लाख का जुर्माना भी लगाया।
फंड के दुरुपयोग का आरोप
SEBI के 222 पन्नों के अंतिम आदेश में यह पाया गया कि अनिल अंबानी ने रिलायंस होम फाइनेंस के प्रमुख प्रबंधकीय कर्मचारियों की मदद से एक धोखाधड़ीपूर्ण योजना बनाई थी, जिसमें उन्होंने कंपनी के फंड को लोन के रूप में दिखाकर अन्य कंपनियों में स्थानांतरित किया। इन कंपनियों का संबंध अंबानी से था और इसे छिपाने के लिए कई जालसाजी की गई थी।
बाजार पर असर
SEBI के इस कड़े फैसले का असर शेयर बाजार पर साफ दिखाई दिया। निवेशकों में बेचैनी और अनिश्चितता के कारण अनिल अंबानी की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई। SEBI के इस फैसले ने न केवल निवेशकों को झटका दिया है बल्कि यह बाजार में कंपनी की साख पर भी सवाल खड़े करता है।