सरफिरा रिव्यू: अक्षय कुमार और राधिका मदान की प्रेरणादायक विमानन-ड्रामा ले जाती है इमोशंस के आसमां में

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निर्देशक: सुधा कोंगरा

देखने का स्थान: आप का नज़दीकी सिनेमाघर

रिलीज़ डेट: 12 जुलाई, 2024

कहानी


वीर म्हात्रे (अक्षय कुमार) एक दूरदराज के गाँव में रहते हैं, जहाँ रेल कनेक्टिविटी बहुत खराब है। उनके पिता लगातार उच्च अधिकारियों को पत्र लिखते रहते हैं, गाँव की स्थिति सुधारने के सुझाव देते हैं, लेकिन वीर को यह सब बेकार लगता है और वह मानते हैं कि कार्रवाई ही असली बदलाव ला सकती है। गाँव में रेलवे ट्रैक पर हुए एक विरोध प्रदर्शन के दुखद अंत के बाद, पिता और पुत्र के बीच विवाद हो जाता है और वीर गाँव छोड़ने का फैसला करते हैं। वीर कड़ी मेहनत करके भारतीय वायुसेना में शामिल होते हैं। बाद में, वह वायुसेना छोड़कर अपने दोस्तों के साथ एक सस्ती विमान सेवा शुरू करने का प्रयास करते हैं, ताकि हवाई यात्रा केवल विशेषाधिकार प्राप्त लोगों तक ही सीमित न रहे। लेकिन वीर को पता नहीं होता कि सस्ती विमान सेवा शुरू करना कोई बच्चों का खेल नहीं हैऔर बड़े खिलाड़ी जैसे कि मिस्टर परेश गोस्वामी (परेश रावल) उसे गिराने के लिए तैयार बैठे हैं।

क्या वीर अपनी खुद की एयरलाइन शुरू कर पाते हैं? वह किन संघर्षों का सामना करते हैं? क्या वह अपने परिवार से फिर से मिलते हैं? रानी (राधिका मदान) किस तरह उनका साथ देती हैं? यह सब जानने के लिए आपको सरफिरा देखनी होगी।

सरफिरा Trailer-

सरफिरा का सकारात्मक पक्ष

सरफिरा एक गहरी भावनात्मक और प्रेरणादायक फिल्म है जो आपको वह अनुभव देती है जो बहुत कम फिल्में देती हैं। अक्षय कुमार ने वीर म्हात्रे के किरदार में अपने दिल और आत्मा को डाल दिया है और यह कहना गलत नहीं होगा कि यह भूमिका उनकी खोई हुई प्रतिष्ठा को वापस लाएगी। सुधा कोंगरा की फिल्म निर्माण की शैली मक्खन की तरह स्मूथ है और फिल्म की लंबाई के बावजूद यह बहुत सहज लगती है। कहानी दिलचस्प है, स्क्रीनप्ले बेहतरीन है और संवाद मार्मिक हैं। सरफिरा की ताकत इसकी नाटकीयता में है; सही मात्रा में रोमांच और तनाव के साथ। भावनात्मक दृश्यों की गहराई आपके दिल को छू लेगी और सिनेमाघर छोड़ने के बाद भी आपके साथ रहेगी। अंतत जी.वी. प्रकाश कुमार का जोशीला बैकग्राउंड स्कोर फिल्म को ऊँचाईयों पर ले जाता है।

कमजोर पहलू

सरफिरा में कुछ जगहों पर थोड़ी तेज़ी होती है। कुछ पहले से ही खूबसूरत दृश्यों में सूक्ष्मता की कमी से फिल्म को थोड़ा नुकसान हुआ है। कुछ गाने फिल्म की गति को धीमा कर देते हैं। रीमेक का तथ्य भी थोड़ा खटकता है क्योंकि यह मूल विचार की नवीनता को कम कर देता है। इन सबके बावजूद सरफिरा एक प्रेरणादायक फिल्म है जो आपको बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने की प्रेरणा देती है।

सरफिरा में कलाकारों का प्रदर्शन

अक्षय कुमार ने वीर म्हात्रे के रूप में एक शानदार प्रदर्शन दिया है। वह स्क्रीन पर प्राकृतिक अभिनेता हैं। राधिका मदान ने रानी की भूमिका में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। वह फिल्म में ऊर्जा और युवा जोश लाती हैं। परेश रावल ने मिस्टर परेश गोस्वामी के रूप में इतना शानदार प्रदर्शन किया है कि आप उन्हें फिल्म में नापसंद करेंगे। अन्य सभी सहायक अभिनेता जैसे सीमा बिस्वास, प्रकाश बेलावड़ी और अनिल चरनजीत ने भी उच्च श्रेणी का प्रदर्शन किया है। फिल्म के अंत में सूर्या का छोटा सा कैमियो बहुत आकर्षक और करिश्माई है।

निष्कर्ष

सुधा कोंगरा, अक्षय कुमार और राधिका मदान ने तन्मयता के साथ भावनात्मक और प्रेरणादायक विमानन-ड्रामा सरफिरा को ऊँचाइयों तक पहुंचाया है, जो बड़े पर्दे पर देखने लायक है। इसे मिस न करें।

फिल्म थिएटरों में 12 जुलाई, 2024 को रिलीज हो चुकी है।

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