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भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने उद्योगपति अनिल अंबानी और रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) के पूर्व प्रमुख अधिकारियों सहित 24 अन्य संस्थाओं पर पांच साल के लिए बाजार से प्रतिबंध लगा दिया है। इस फैसले के बाद रिलायंस पावर (आरपॉवर) के शेयर में भारी गिरावट दर्ज की गई है। सेबी ने अनिल अंबानी पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है और उन्हें किसी भी सूचीबद्ध कंपनी के निदेशक या प्रमुख प्रबंधकीय कर्मी (KMP) के रूप में काम करने से रोक दिया है।
आरपॉवर का बयान: सेबी के आदेश का कंपनी पर कोई असर नहीं

आरपॉवर ने सेबी के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि रिलायंस पावर लिमिटेड को सेबी के इस आदेश में कोई नोटिस जारी नहीं किया गया था और न ही कंपनी इस कार्यवाही का हिस्सा थी। कंपनी ने स्पष्ट किया कि “सेबी के इस आदेश का रिलायंस पावर लिमिटेड के व्यापार और संचालन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। अनिल अंबानी ने 11 फरवरी 2022 को सेबी के अंतरिम आदेश के बाद रिलायंस पावर लिमिटेड के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था।”
तकनीकी विश्लेषण: आरपॉवर के शेयर का समर्थन और प्रतिरोध स्तर
तकनीकी विश्लेषण के अनुसार आरपॉवर के शेयर का समर्थन स्तर 30 रुपये के आसपास देखा जा सकता है, जबकि प्रतिरोध 38 रुपये से ऊपर मिल सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार- “शेयर में 38 रुपये के आसपास प्रतिरोध दिखा और मुनाफावसूली हुई। निकट भविष्य में समर्थन 30.50 रुपये पर देखा जाएगा, जहां यह समेकित हो सकता है और एक और ऊपर की ओर बढ़ने की संभावना है।”
वित्तीय प्रदर्शन: आरपॉवर का घाटा कम हुआ
रिलायंस पावर ने जून 2024 की तिमाही (Q1 FY25) में अपने समेकित शुद्ध घाटे को घटाकर 97.85 करोड़ रुपये कर लिया, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 296.31 करोड़ रुपये था। कंपनी की कुल आय भी बढ़कर 2,069.18 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले साल की इसी अवधि में 1,951.23 करोड़ रुपये थी। कंपनी के प्रमोटरों की हिस्सेदारी जून 2024 तक 23.24 प्रतिशत थी।