कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के रेप और मर्डर के मुख्य आरोपी संजय रॉय शुक्रवार को अदालत में अपनी निर्दोषता की दलील देते हुए भावुक हो गया । उसे कोलकाता पुलिस ने 10 अगस्त को गिरफ्तार किया था। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने आरोपी संजय रॉय को कोलकाता की अदालत में पेश कर पॉलिग्राफ टेस्ट (लाई डिटेक्टर टेस्ट) की अनुमति मांगी। यह टेस्ट तभी किया जा सकता है जब अदालत और आरोपी की सहमति हो।
लाई डिटेक्टर टेस्ट के लिए सहमति और अदालत का निर्णय
जब अदालत ने संजय रॉय से पॉलिग्राफ टेस्ट के लिए सहमति देने का कारण पूछा, तो वह रो पड़ा और कहा कि वह निर्दोष है और उसे फंसाया जा रहा है। उसने अदालत में कहा-“मैंने कोई अपराध नहीं किया है। मुझे फंसाया जा रहा है। शायद यह टेस्ट साबित कर सके कि मैं निर्दोष हूं” । इसके बाद अदालत ने संजय रॉय पर पॉलिग्राफ टेस्ट करने की अनुमति दे दी और उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
अन्य संदिग्धों पर भी लाई डिटेक्टर टेस्ट की अनुमति
अदालत ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष और मामले से जुड़े पांच अन्य लोगों पर भी पॉलिग्राफ टेस्ट की अनुमति दी। इन पांच लोगों में से चार वे डॉक्टर शामिल हैं जिन्होंने घटना की रात मृतक डॉक्टर के साथ रात का खाना खाया था। संजय रॉय भी उनमें से एक था।