रिलायंस पावर ने अपनी 3,872 करोड़ रुपये की देनदारी पूरी तरह से चुकाकर बड़ी सफलता हासिल की है। कंपनी ने विदर्भ इंडस्ट्रीज पावर के लिए गारंटर के रूप में जो जिम्मेदारी ली थी, उसे भी पूरी तरह से निपटा दिया है। इसके साथ ही सभी कॉर्पोरेट गारंटी और अन्य कानूनी बाध्यताओं से कंपनी मुक्त हो गई है।
कर्ज-मुक्त बनने के बाद शेयरों में उछाल
रिलायंस पावर ने वित्तीय संस्थानों और बैंकों से कर्ज-मुक्त स्थिति प्राप्त कर ली है। इस खबर के बाद कंपनी के शेयरों में जोरदार उछाल आया और शेयरों ने 5% के अपर सर्किट को छू लिया। एनएसई पर कंपनी के शेयर 32.97 रुपये पर ट्रेड कर रहे थे, जो पिछले सत्र की तुलना में 5% अधिक था। कंपनी की कंसॉलिडेटेड नेटवर्थ पहली तिमाही में 11,155 करोड़ रुपये रही।
अनिल अंबानी पर SEBI की कार्रवाई का कंपनी पर कोई असर नहीं
सेबी ने 22 अगस्त को अनिल अंबानी को पांच साल के लिए प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया था। हालांकि, रिलायंस पावर ने स्पष्ट किया कि इस आदेश का कंपनी के व्यवसाय पर कोई असर नहीं पड़ेगा। अनिल अंबानी ने पहले ही कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था और सेबी के आदेश में रिलायंस पावर पर कोई सीधा निर्देश नहीं दिया गया था।