image credit-https://x.com/Phogat_Vinesh
रेसलिंग की दुनिया में अपना नाम रोशन करने वाली विनेश फोगाट ने हाल ही में 2024 पेरिस ओलंपिक्स से बाहर होने के बाद अपने संन्यास की घोषणा कर दी। महिला वर्ग के 50 किलोग्राम स्वर्ण पदक मुकाबले से पहले सिर्फ 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण अयोग्य ठहराए जाने के बाद उन्होंने यह निर्णय लिया। इस दिल टूटने वाले पल के बावजूद देश उनके साथ खड़ा है। विनेश फोगाट ने इस अयोग्यता के खिलाफ कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में अपील की है।
रेलवे से शुरू हुई प्रेम कहानी
इस मुश्किल समय में जो व्यक्ति विनेश के साथ हर कदम पर खड़ा रहा है, वह है उनके पति और साथी पहलवान- सोमवीर राठी। विनेश और सोमवीर की प्रेम कहानी किसी बॉलीवुड फिल्म से कम नहीं है। दोनों की मुलाकात भारतीय रेलवे में हुई, जहाँ दोनों कर्मचारी थे। रेसलिंग के प्रति समान जुनून ने उनके प्रेम को और भी गहरा कर दिया। सोमवीर ने विनेश को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास उनके जन्मदिन और जकार्ता एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के बाद प्रपोज़ किया। उन्होंने वहीं हवाई अड्डे पर अंगूठियां बदल कर सगाई कर ली।
शादी और एक खास अतिरिक्त फेरा
विनेश और सोमवीर ने दिसंबर 2018 में हरियाणा के चरखी दादरी में शादी की, जो विनेश का गृह नगर भी है। उनकी शादी की सबसे खास बात यह थी कि उन्होंने “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान के समर्थन में एक अतिरिक्त फेरा लिया और एक विशेष विवाह वचन लिया। उनकी यह पहल सामाजिक संदेश देने का भी एक तरीका बनी। उनके संबंध ने न केवल उन्हें व्यक्तिगत रूप से प्रेरित किया बल्कि यह भी दिखाया कि कैसे एक पति-पत्नी एक-दूसरे के करियर में सहारा बन सकते हैं।
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सोमवीर का समर्थन
सोशल मीडिया पर अक्सर देखा गया है कि सोमवीर विनेश के हर निर्णय में उनके साथ खड़े रहे हैं। खासकर 2024 पेरिस ओलंपिक्स के अंतिम मुकाबले में अयोग्यता के बाद, विनेश को सोशल मीडिया पर भारी सहानुभूति मिली। अगर विनेश उस मुकाबले में भाग ले पातीं तो वे उस श्रेणी में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली महिला पहलवान बन सकती थीं।
राष्ट्रीय स्तर के पहलवान
सोमवीर खुद भी एक राष्ट्रीय स्तर के पहलवान हैं और उन्होंने राष्ट्रीय चैंपियनशिप में दो स्वर्ण पदक जीते हैं। उनके और विनेश के बीच का रिश्ता न केवल उनके निजी जीवन में बल्कि उनके पेशेवर करियर में भी प्रेरणा का स्रोत बना है।
विनेश और सोमवीर की यह प्रेम कहानी यह साबित करती है कि जब दो लोग एक-दूसरे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलते हैं, तो वे हर मुश्किल को आसानी से पार कर सकते हैं।