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नई दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को दावा किया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) उनके ‘चक्रव्यूह’ भाषण के बाद उन पर छापा मारने की योजना बना रहा है। कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्हें ईडी के “अंदरूनी सूत्रों” से जानकारी मिली है कि एक छापे की योजना बनाई जा रही है।
‘चक्रव्यूह’ भाषण से सरकार नाराज
राहुल गांधी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा- “शायद 2 in 1 को मेरा चक्रव्यूह भाषण पसंद नहीं आया। ईडी के ‘अंदरूनी सूत्र’ मुझे बता रहे हैं कि एक छापे की योजना बनाई जा रही है।” गांधी ने प्रवर्तन निदेशालय को खुली चुनौती देते हुए कहा- “खुले हाथों से आपका इंतजार कर रहा हूं @dir_ed… चाय और बिस्कुट मेरी तरफ से।”
महाभारत के ‘चक्रव्यूह’ से बीजेपी पर हमला
संसद में सोमवार को केंद्रीय बजट 2024-25 पर चर्चा के दौरान, राहुल गांधी ने महाभारत के ‘चक्रव्यूह’ का उपयोग करते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा-“21वीं सदी में एक और ‘चक्रव्यूह’ तैयार किया गया है। यह कमल के रूप में है और प्रधानमंत्री इसे अपने सीने पर पहनते हैं। जो अभिमन्यु के साथ हुआ था, वही अब भारत, उसके युवाओं, महिलाओं, किसानों और छोटे और मध्यम व्यवसायों के साथ हो रहा है।”
छह प्रमुख व्यक्तियों का चक्रव्यूह

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राहुल गांधी ने दावा किया कि इस ‘चक्रव्यूह’ के केंद्र में छह लोग हैं, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शामिल हैं। उन्होंने चार और लोगों के नाम लिए, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने उन्हें यह कहते हुए नाम लेने की अनुमति नहीं दी कि वे सदन के सदस्य नहीं हैं। गांधी ने आरोप लगाया कि राजनीतिक कार्यपालिका, केंद्रीय एजेंसियां, और एकाधिकार पूंजी की अवधारणा जो दो लोगों को देश की पूरी संपत्ति का मालिक बनने की अनुमति देती है, इस ‘चक्रव्यूह’ के केंद्र में हैं।
रोजगार और अग्निवीर योजना पर सवाल
राहुल गांधी ने कहा- “आपने बेरोजगारी और पेपर लीक का ‘चक्रव्यूह’ बनाया है… आप खुद को राष्ट्रवादी कहते हैं, लेकिन जब जवानों की मदद करने की बारी आती है, तो आप पेंशन के लिए पैसे नहीं देते। आपने युवाओं को अग्निवीर के ‘चक्रव्यूह’ में फंसा दिया।” बाद में एक सोशल मीडिया पोस्ट में गांधी ने कहा- “आज 21वीं सदी का कमल के आकार का चक्रव्यूह भारत को फंसा रहा है और इसे छह व्यक्ति नियंत्रित कर रहे हैं: नरेंद्र मोदी, अमित शाह, अडानी, अंबानी, अजित डोभाल, और मोहन भागवत।”