डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह (gurmeet ram rahim singh insan) को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab & Haryana High Court) ने रंजीत सिंह हत्याकांड (Ranjit Singh Murder Case) मामले में बरी कर दिया है।
हरियाणा के पंचकुला में 2021 में सीबीआई कोर्ट ने उन्हें और चार अन्य आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी, जब उन्हें 2002 में पूर्व डेरा मैनेजर रंजीत सिंह की हत्या (Murder case) की साजिश रचने का दोषी ठहराया गया था।
न्यायमूर्ति सुरेश्वर ठाकुर और न्यायमूर्ति ललित बत्रा की खंडपीठ ने आईपीसी की धारा 120-बी, 302, 506 के तहत सजा के खिलाफ उनकी अपील को मंजूरी दी है।
सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में कहा था कि 10 जुलाई 2002 को रंजीत सिंह की गोली मारकर इसलिए हत्या कर दी गई थी क्योंकि राम रहीम को शक था कि मृतक उस अनजान पत्र के फैलाव का मुख्य कर्ता धर्ता है, जिसमें उनकी महिला शिष्यों के यौन शोषण का पर्दाफाश किया गया था।
सीबीआई कोर्ट ने कहा था कि यह साबित हो चुका है कि राम रहीम पत्र के प्रसार से आहत थे, जिसमें उनके ऊपर अनुयायियों के यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए गए थे और उन्होंने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर रंजीत सिंह की हत्या की साजिश रची थी।
डेरा प्रमुख वर्तमान में अपने दो अनुयायियों के साथ बलात्कार के जुर्म में 20 साल की जेल की सजा काट रहे हैं। उन्हें पत्रकार राम चंदर छत्रपति की हत्या के लिए भी दोषी ठहराया गया है, जिसमें उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई है जो इन 20 साल की सजा के बाद चलेगी।
हाल ही में, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने राम रहीम को सरेंडर करने का निर्देश दिया और हरियाणा सरकार को हाई कोर्ट की अनुमति के बिना उनकी पैरोल पर विचार नहीं करने के लिए कहा। इस आदेश को रद्द करने की मांग वाली याचिका हाई कोर्ट के समक्ष लंबित है।