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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार रात को नौ राज्यपालों और एक उपराज्यपाल की नियुक्ति की है, जिसमें बीजेपी के वरिष्ठ नेता संतोष गंगवार, ओपी माथुर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी के कैलाशनाथन शामिल हैं। कैलाशनाथन पुडुचेरी के उपराज्यपाल के रूप में कार्यभार संभालेंगे।
संतोष गंगवार: झारखंड के नए राज्यपाल
पूर्व केंद्रीय मंत्री और आठ बार के सांसद संतोष कुमार गंगवार, जिन्हें 2024 लोकसभा चुनाव के लिए बरेली से टिकट नहीं दिया गया था, उनको झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को महत्वपूर्ण भूमिकाओं में बनाए रखने की रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है।
ओपी माथुर: सिक्किम के राज्यपाल
बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व आरएसएस प्रचारक ओपी माथुर को सिक्किम का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। वह लक्ष्मण आचार्य से यह पदभार लेंगे, जिन्हें असम का राज्यपाल और मणिपुर का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
सीपी राधाकृष्णन: महाराष्ट्र के नए राज्यपाल
झारखंड के वर्तमान राज्यपाल और तेलंगाना के अतिरिक्त प्रभार वाले सीपी राधाकृष्णन को महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया गया है। यह परिवर्तन राष्ट्रपति भवन द्वारा रविवार को जारी एक आधिकारिक बयान में बताया गया।
गुलाब चंद कटारिया: पंजाब और चंडीगढ़ के राज्यपाल
असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया को पंजाब का राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ का प्रशासक नियुक्त किया गया है। इससे पहले, राष्ट्रपति ने पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।
हरिभाऊ बागडे: राजस्थान के राज्यपाल
महाराष्ट्र विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी नेता हरिभाऊ बागडे को राजस्थान का राज्यपाल बनाया गया है। उनकी नियुक्ति पार्टी में उनके लंबे और समर्पित सेवा की मान्यता के रूप में देखी जा रही है।
अन्य महत्वपूर्ण नियुक्तियां
असम के पूर्व लोकसभा सांसद रमेन देका को छत्तीसगढ़ का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। इसके अलावा, त्रिपुरा के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता जिष्णु देव वर्मा को कांग्रेस-शासित तेलंगाना का राज्यपाल बनाया गया है।
के कैलाशनाथन: पुडुचेरी के उपराज्यपाल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी और गुजरात के मुख्यमंत्री के पूर्व मुख्य प्रधान सचिव के कैलाशनाथन को पुडुचेरी का उपराज्यपाल नियुक्त किया गया है। उनकी नियुक्ति पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ उनके गहरे संबंधों का परिणाम मानी जा रही है।
राष्ट्रपति भवन ने कहा कि इन नियुक्तियों का प्रभाव उनके संबंधित कार्यालयों का कार्यभार संभालने की तारीख से होगा। ये नियुक्तियां बीजेपी की आंतरिक राजनीति और आगामी चुनावों की तैयारी के मद्देनजर महत्वपूर्ण हैं। यह स्पष्ट है कि पार्टी अपने वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को सम्मानित पदों पर बनाए रखकर उनका प्रभाव और अनुभव बनाए रखना चाहती है।