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भारत, जिसे 2014 में आधिकारिक रूप से पोलियो मुक्त घोषित किया गया था, अब एक बार फिर इस वायरस की वापसी के संभावित खतरे का सामना कर रहा है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने मेघालय के पश्चिम गारो हिल्स जिले के एक दूरस्थ गांव में एक दो वर्षीय बच्चे में पोलियोमाइलाइटिस के संदिग्ध मामले की सूचना दी है। यह घटना तब सामने आई है जब दुनिया भर में मंकीपॉक्स (अब mpox) जैसे संक्रामक रोगों के फैलने को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। इस स्थिति ने एक बार फिर भारत में पोलियो के खतरे को उजागर कर दिया है।
संदिग्ध मामला नियमित निगरानी के दौरान पाया गया, जिसके बाद स्वास्थ्य अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई की। बच्चे में पोलियोमाइलाइटिस के लक्षण पाए गए और उसे इलाज के लिए असम के गोलपारा स्थित एक अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक टीम भी टिकरीकिला गांव पहुंची है, जहां से बच्चे के नमूने लिए जा रहे हैं। इस जांच का उद्देश्य यह निर्धारित करना है कि यह वायरस जंगली पोलियोवायरस है या फिर सर्कुलेटिंग वैक्सीन-डेराइव्ड पोलियोवायरस (cVDPV)।
इस मामले का पता चलना विशेष रूप से चिंताजनक है, क्योंकि भारत में 2011 के बाद से किसी भी जंगली पोलियोवायरस का मामला सामने नहीं आया है। अगर यह मामला पुष्ट हो जाता है, तो यह देश के सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयासों के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां टीकाकरण का कवरेज कम है।