केरल के वायनाड में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का पीएम मोदी का दौरा, राहत कार्यों का लिया जायजा

PM Modi visits landslide-affected areas in Wayanad, Kerala, takes stock of relief work

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को केरल के वायनाड का दौरा किया, जहां पिछले सप्ताह एक विनाशकारी भूस्खलन ने तबाही मचाई थी। इस भूस्खलन में 300 से अधिक लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों घर प्रभावित हुए। पीएम मोदी ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा पैदल किया और हवाई सर्वेक्षण कर नुकसान का आकलन किया। दूरदर्शन न्यूज द्वारा साझा की गई फुटेज में प्रधानमंत्री को केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी के साथ भूस्खलन प्रभावित इलाकों में चलते हुए देखा गया।

हवाई सर्वेक्षण से लिया स्थिति का जायजा

पीएम मोदी ने भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर का उपयोग करते हुए चूरलमाला, मुंडक्काई और पंछिरिमट्टम गांवों के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री विजयन भी उनके साथ थे। पीएम मोदी कन्नूर हवाई अड्डे से हेलीकॉप्टर के जरिए पहुंचे और चूरलमाला के विनाशकारी क्षेत्र में जाकर खुद स्थिति का जायजा लिया।

राहत शिविर में पीड़ितों से मुलाकात

प्रधानमंत्री मोदी ने वायनाड में भूस्खलन से प्रभावित लोगों से मिलने के लिए राहत शिविर का भी दौरा किया। उन्होंने पीड़ितों और बचे हुए लोगों से बातचीत की और उनके हालात के बारे में जानकारी ली।

वायनाड भूस्खलन को ‘राष्ट्रीय आपदा’ घोषित करने की मांग

इससे पहले बुधवार को राहुल गांधी ने लोकसभा में केंद्र सरकार से वायनाड के भूस्खलन को “राष्ट्रीय आपदा” घोषित करने, प्रभावित लोगों के लिए व्यापक पुनर्वास पैकेज प्रदान करने और पीड़ितों के लिए मुआवजे को बढ़ाने की मांग की थी। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा- “वायनाड भूस्खलन में लगभग 300 लोग मारे गए हैं। हमारी मांग थी कि इस घटना को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए। आज पीएम मोदी वायनाड का दौरा कर रहे हैं…यह अच्छा होगा अगर वे मणिपुर भी जाएं।”

राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग पर सरकार का जवाब

राहुल गांधी की वायनाड भूस्खलन को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग के जवाब में भारत सरकार के सूत्रों ने शनिवार को कहा कि “राष्ट्रीय आपदा” घोषित करने का कोई प्रावधान नहीं है। सरकार ने 2013 के एक उत्तर का हवाला दिया जिसमें तत्कालीन कांग्रेस-नीत यूपीए सरकार के मंत्री मल्लप्पली रामचंद्रन ने लोकसभा में कहा था कि- “किसी प्राकृतिक आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का कोई प्रावधान नहीं है।”

‘राष्ट्रीय आपदा’ की मांग क्यों?

जब किसी आपदा को “दुर्लभ गंभीरता” या “गंभीर प्रकृति” की घोषित किया जाता है तो राज्य सरकार को राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन प्रदान किया जाता है और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) से अतिरिक्त सहायता पर विचार किया जा सकता है। हालांकि प्राकृतिक आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का कोई कार्यकारी या कानूनी प्रावधान नहीं है। एनडीआरएफ का उपयोग आपातकालीन राहत, आपदा प्रतिक्रिया और पुनर्वास के खर्चों को कवर करने के लिए किया जाता है। 1 अप्रैल 2024 तक केरल राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के खाते में लगभग ₹395 करोड़ थे, और केंद्र सरकार की ओर से इस वर्ष की पहली किश्त के रूप में ₹145.60 करोड़ से अधिक की राशि 31 जुलाई को अग्रिम रूप से जारी की गई थी।

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