लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी- हिंदू और अल्पसंख्यक सुरक्षित रहें

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78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश में हो रही हिंसा और अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा- “मैं उम्मीद करता हूं कि बांग्लादेश में हालात जल्द ही सामान्य हो जाएंगे। 140 करोड़ भारतीय चाहते हैं कि वहां हिंदू और अल्पसंख्यक सुरक्षित रहें। हम चाहते हैं कि हमारे पड़ोसी देश शांति और खुशहाली के रास्ते पर चलें।” उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि भारत हमेशा बांग्लादेश के विकास और प्रगति में सहयोग करता रहेगा।

बांग्लादेश में हिंदुओं पर बढ़ते हमले

बांग्लादेश में शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के पतन के बाद से ही अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमलों की घटनाएं बढ़ गई हैं। 5 अगस्त को सरकार के गिरने के बाद से अब तक 50 से अधिक जिलों में 200 से अधिक हमले हो चुके हैं। पुलिस की असमर्थता के चलते कम से कम पांच लोगों की जान भी चली गई है, जिनमें से अधिकांश हमले हिंदू परिवारों, संस्थानों और मंदिरों पर हुए हैं। 2022 की जनगणना के अनुसार बांग्लादेश में 13.1 मिलियन से अधिक हिंदू रहते हैं जो देश की कुल जनसंख्या का 7.96% हैं। इसके अलावा अन्य अल्पसंख्यक समुदायों में बौद्ध, ईसाई आदि शामिल हैं, जो कुल जनसंख्या का 1% से भी कम हैं।

अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार का अल्पसंख्यकों से संवाद

अल्पसंख्यक समुदाय की चिंताओं को दूर करने के प्रयास में अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद युनुस ने मंगलवार को ढाकेश्वरी मंदिर का दौरा किया, जहां उन्होंने समुदाय के नेताओं से मुलाकात की और उन्हें “न्याय” और “समान अधिकार” का आश्वासन दिया। युनुस ने कहा- “अधिकार सभी के लिए समान हैं। हम सभी एक ही लोग हैं जिनके एक जैसे अधिकार हैं। कृपया हमारे बीच कोई भेदभाव न करें। हमारी सहायता करें। धैर्य रखें और बाद में न्याय करें—हम क्या कर पाए और क्या नहीं कर पाए। यदि हम असफल होते हैं तो हमारी आलोचना करें।” उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन ऐसे हालात बनाने की दिशा में काम करेगा जहां हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों को अपनी सुरक्षा के लिए भयभीत नहीं होना पड़ेगा।

प्रधानमंत्री मोदी की युनुस से अपेक्षाएं

8 अगस्त को युनुस के शपथ ग्रहण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें शुभकामनाएं दीं और उनसे आग्रह किया कि वे “हिंदुओं और अन्य सभी अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा और संरक्षण” सुनिश्चित करें। मोदी का यह सीधा संदेश यह दर्शाता है कि दिल्ली को ढाका में नई सरकार से क्या उम्मीदें हैं। युनुस ने मंगलवार को कहा- “हमारी लोकतांत्रिक आकांक्षाओं में हमें मुसलमान, हिंदू या बौद्ध नहीं बल्कि इंसान के रूप में देखा जाना चाहिए। हमारे अधिकार सुनिश्चित किए जाने चाहिए। सभी समस्याओं की जड़ संस्थागत व्यवस्थाओं के पतन में है। इसलिए इस प्रकार के मुद्दे सामने आते हैं। संस्थागत व्यवस्थाओं को ठीक करने की आवश्यकता है। हमें मानवाधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को स्थापित करना होगा। यही हमारा प्रमुख लक्ष्य है।”

बांग्लादेश में इस समय हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की स्थिति गंभीर है और प्रधानमंत्री मोदी का इस मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करना महत्वपूर्ण है। अंतरिम सरकार से भारत की अपेक्षाएं साफ हैं—अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और अधिकारों का सम्मान।

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