जौनपुर शहर में यातायात को सुगम बनाने के लिए 11 तिराहों और चौराहों पर ऑटोमेटिक ट्रैफिक सिग्नल लगाने की योजना अधर में लटकी हुई है। प्रशासन द्वारा अभी तक बजट का आवंटन और एजेंसी का चयन नहीं किया जा सका है। डेढ़ वर्ष पहले इस परियोजना के लिए प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन उचित फर्म की तलाश और शर्तों को पूरा करने में आ रही कठिनाइयों के कारण यह योजना आज भी ठप पड़ी है।
वाजिदपुर तिराहे पर लगे सिग्नल अभी भी बंद
शहर के वाजिदपुर तिराहे पर छह महीने पहले पीपीपी मॉडल के तहत ऑटोमेटिक ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए थे, लेकिन वे अब तक चालू नहीं हो पाए हैं। इसके साथ ही वहां एक बूथ भी बनाया गया था, लेकिन इसके बावजूद ट्रैफिक सिग्नल का संचालन नहीं हो सका है। इस कारण तिराहे पर जाम की समस्या जस की तस बनी हुई है, जिससे नागरिकों को काफी परेशानी हो रही है।
11 चौराहों पर लगने हैं ट्रैफिक सिग्नल
जौनपुर शहर के सिपाह तिराहा, वाजिदपुर तिराहा, नईगंज तिराहा, मुरादगंज तिराहा, चहारसू तिराहा, लाइन बाजार तिराहा, जेसीज चौराहा, पॉलिटेक्निक चौराहा, ओलंदगंज चौराहा, कोतवाली चौराहा और अंबेडकर चौराहा जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर ऑटोमेटिक ट्रैफिक सिग्नल लगाए जाने की योजना है। इन सिग्नलों के लगने से शहर के विभिन्न हिस्सों में यातायात की समस्या को काफी हद तक हल किया जा सकेगा।
एजेंसी चयन में अड़चनों का समाधान
शहर में ऑटोमेटिक ट्रैफिक सिग्नल लगाने के लिए प्रशासन ने कई एजेंसियों से बातचीत की, लेकिन पांच साल तक मरम्मत की शर्त को पूरा करने में असमर्थता जताने पर एजेंसी का चयन नहीं हो पाया। सीओ सिटी देवेश सिंह के अनुसार नई एजेंसी को मानकों के अनुसार सुविधाएं देने के लिए कहा गया है और जल्द ही एजेंसी का चयन किया जाएगा। एजेंसी के चयन के बाद इस महत्वाकांक्षी योजना पर तेजी से काम शुरू होने की उम्मीद है।