पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक विजेता ललित उपाध्याय का वाराणसी में भव्य स्वागत: काशी विश्वनाथ धाम में महादेव को समर्पित करेंगे पदक

Paris Olympics bronze medalist Lalit Upadhyay gets grand welcome in Varanasi: Will dedicate medal to Mahadev at Kashi Vishwanath Dham

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पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत के लिए कांस्य पदक जीतकर देश का मान बढ़ाने वाले ओलंपियन ललित उपाध्याय रविवार को अपने गृह नगर वाराणसी पहुंचेंगे। वाराणसी की पावन धरती पर ललित के आगमन को लेकर शहर में उत्सव का माहौल है। हॉकी वाराणसी के पदाधिकारियों ने ललित उपाध्याय के सम्मान में भव्य स्वागत की तैयारी की है। यह कार्यक्रम न केवल एक ओलंपिक पदक विजेता का स्वागत है, बल्कि यह काशी की उस धरती का अभिवादन भी है जिसने भारत को कई महान खिलाड़ी दिए हैं।

ललित उपाध्याय का विजय जुलूस

ललित उपाध्याय के वाराणसी आगमन पर एक भव्य विजय जुलूस निकाला जाएगा। इस जुलूस में स्थानीय लोग, खेल प्रेमी, और हॉकी वाराणसी के पदाधिकारी शामिल होंगे। जुलूस की शुरुआत उस स्थान से होगी जहां ललित का स्वागत किया जाएगा और यह काफिला शहर की मुख्य सड़कों से होकर गुजरेगा।

इस विजय जुलूस का समापन काशी विश्वनाथ धाम में होगा, जहां ललित उपाध्याय भगवान शिव के दरबार में मत्था टेकेंगे। ओलंपिक में जीते हुए कांस्य पदक को देवाधिदेव महादेव को अर्पित कर ललित अपनी सफलता का श्रेय उन्हें देंगे। यह क्षण सिर्फ ललित के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे वाराणसी के लिए गर्व का होगा, क्योंकि एक खिलाड़ी अपने धर्म और संस्कृति के प्रति अपनी गहरी आस्था व्यक्त कर रहा है।

गांव में माता-पिता से लेंगे आशीर्वाद

काशी विश्वनाथ धाम में मत्था टेकने के बाद ललित उपाध्याय अपने गांव भगत्तपुर जाएंगे। गांव में भी उनके स्वागत के लिए खास तैयारियां की गई हैं। भगत्तपुर के निवासी अपने बेटे के आगमन के लिए उत्साहित हैं।

अपने गांव पहुंचकर ललित उपाध्याय सबसे पहले अपने माता-पिता से आशीर्वाद लेंगे। ललित ने कई बार कहा है कि उनकी सफलता के पीछे उनके माता-पिता की कड़ी मेहनत और आशीर्वाद है। वे हमेशा उन्हें प्रेरित करते रहे हैं, और इसी का नतीजा है कि ललित आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं। अपने गांव में बिताए पलों में ललित अपने उन दिनों को याद करेंगे जब उन्होंने छोटे से मैदान में बड़े सपने देखे थे।

वाराणसी और ललित का गहरा नाता

वाराणसी और ललित उपाध्याय का नाता बेहद खास है। इस शहर ने ललित को न केवल खेल के प्रति प्रेम सिखाया, बल्कि उन्हें वह अनुशासन और समर्पण भी दिया, जो किसी भी खिलाड़ी के लिए जरूरी होता है। ललित ने अपनी शुरुआती हॉकी की शिक्षा वाराणसी में ही ली थी, और आज जब वे ओलंपिक पदक विजेता बनकर लौट रहे हैं, तो यह शहर उनके स्वागत में पलकें बिछाने को तैयार है।

ललित उपाध्याय की इस सफलता ने न केवल वाराणसी को गर्व महसूस कराया है, बल्कि उन्होंने पूरे देश को प्रेरित किया है। उनकी कहानी उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो बड़े सपने देखते हैं और उन्हें हकीकत में बदलने का जज्बा रखते हैं।

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