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नई दिल्ली: कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन, जिसे ‘इंडिया’ (INDIA) ब्लॉक के नाम से जाना जाता है, ने राज्यसभा के चेयरमैन और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पर लगातार ‘पक्षपाती‘ होने का आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने के लिए नोटिस देने की योजना बनाई है। शुक्रवार को एक रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गई।
उपराष्ट्रपति, जो देश का दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद है, राज्यसभा के चेयरमैन के रूप में भी कार्य करते हैं। रिपोर्ट के अनुसार हालांकि इस प्रस्ताव के सफल होने की संभावना कम है, लेकिन विपक्ष का यह कदम धनखड़ के खिलाफ एक ‘बयान‘ के रूप में देखा जा रहा है, जिससे उनके ‘स्पष्ट और लगातार‘ पक्षपाती रवैये को उजागर किया जाएगा।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि विपक्ष की ओर से 87 सदस्यों ने धनखड़ के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके साथ ही दो दिन पहले विपक्ष की इस योजना के बारे में अनौपचारिक रूप से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और राज्यसभा में नेता जगत प्रकाश नड्डा को जानकारी दी गई थी।
संविधान के अनुच्छेद 67(बी) के अनुसार, इस प्रकार के किसी भी प्रस्ताव को तब तक प्रस्तुत नहीं किया जा सकता जब तक कि प्रस्ताव को लाने की मंशा का कम से कम 14 दिन पहले नोटिस नहीं दिया गया हो। अनुच्छेद 67(बी) में यह भी कहा गया है कि- “उपराष्ट्रपति को उनके पद से राज्यसभा द्वारा पारित एक प्रस्ताव के माध्यम से हटाया जा सकता है, जिसमें उस समय के सभी सदस्यों का बहुमत शामिल हो और जिसे लोकसभा द्वारा भी स्वीकार किया गया हो।”
हालांकि संसद का मानसून सत्र जो 22 जुलाई को शुरू हुआ था और 12 अगस्त को समाप्त होने वाला था, शुक्रवार को दोनों सदनों के अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के साथ ही समाप्त हो गया। इस बीच, विपक्ष की इस योजना पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अब अगले सत्र का इंतजार करना पड़ सकता है।