प्रधानमंत्री शेख हसीना के नाटकीय ढंग से पद से हटाए जाने और तीव्र विरोध प्रदर्शनों के बीच बांग्लादेश के नोबेल पुरस्कार विजेता और माइक्रोफाइनेंस के अग्रदूत मुहम्मद युनूस को अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति मोहम्मद शाहाबुद्दीन ने बुधवार तड़के सैन्य नेताओं और स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन (SAD) समूह के साथ उच्च स्तरीय बैठक के बाद इस निर्णय की घोषणा की।
त्वरित गठन की आवश्यकता
शाहाबुद्दीन के कार्यालय ने पुष्टि की कि युनूस अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में कार्य करेंगे, जो जल्दी ही गठित की जाएगी। यह घोषणा हिंसक झड़पों की श्रृंखला के बाद आई है, जिसने हसीना के इस्तीफे और देश से भागने की स्थिति पैदा कर दी। शाहाबुद्दीन के कार्यालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा- “राष्ट्रपति ने लोगों से संकट से उबरने में मदद करने की अपील की है। संकट से उबरने के लिए अंतरिम सरकार का त्वरित गठन आवश्यक है।”
पुलिस प्रमुख और संसद का पुनर्गठन
इस संकट के जवाब में शाहाबुद्दीन ने राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख को बर्खास्त कर उनकी जगह नए प्रमुख को नियुक्त किया और संसद को भंग कर तीन महीनों के भीतर चुनाव कराने की सहमति दी, जो विरोध नेताओं और विपक्षी बांग्लादेश नेशनल पार्टी (BNP) की प्रमुख मांग थी। मुहम्मद युनूस, जिन्होंने गरीबी उन्मूलन में अपने कार्य के लिए नोबेल पुरस्कार जीता है, उन्होने कहा कि वह इस अशांत समय में नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं और स्वतंत्र चुनावों का आह्वान किया।
प्रदर्शनों का प्रभाव और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
छात्रों द्वारा शुरू किए गए नौकरियों के कोटा पर विरोध प्रदर्शनों ने व्यापक अशांति का रूप ले लिया, जिसमें कम से कम 432 लोगों की जान चली गई। प्रदर्शनकारियों ने सरकारी भवनों, मीडिया स्टेशनों और हसीना के प्रशासन से जुड़े संपत्तियों पर हमला किया, जिससे राजधानी ढाका में अराजक स्थिति पैदा हो गई। अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं मिश्रित रही हैं, पड़ोसी भारत और चीन ने शांति की अपील की है जबकि मानवाधिकार समूहों और कूटनीतिज्ञों ने अल्पसंख्यक समूहों पर हमलों को लेकर चिंता व्यक्त की है। युनूस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार के सामने देश को स्थिर करने और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को बहाल करने की चुनौती है।