23 साल पुराने केस में संजय सिंह और अनूप संडा को राहत नहीं, गिरफ्तारी वारंट जारी

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सुल्तानपुर :बिजली-पानी की समस्या को लेकर 23 साल पहले हुए धरना प्रदर्शन और रोड जाम के मामले में दोषी पाए गए आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता व पूर्व विधायक अनूप संडा समेत पांच लोगों के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। मामला 19 जून 2001 का है, जब कोतवाली नगर के गभड़िया ओवरब्रिज के निकट धरना प्रदर्शन के दौरान रोड जाम किया गया था। अदालत ने दोषियों की मोहलत की अर्जी खारिज करते हुए मंगलवार को यह आदेश दिया।

सांसद और विधायक के मोहलत की अपील खारिज

सांसद संजय सिंह ने राज्यसभा अधिवेशन में मौजूद रहने और पूर्व विधायक अनूप संडा ने पत्नी की बीमारी के आधार पर नौ अगस्त को अदालत से मोहलत मांगी थी। इसके अलावा अन्य दोषियों ने भी बीमारी का हवाला देकर राहत की अपील की थी। हालांकि एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा ने इन सभी की अर्जी खारिज कर दी और गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। सेशन कोर्ट ने भी छह अगस्त को दोषियों की सजा खत्म करने की अपील खारिज कर दी थी और उन्हें निचली अदालत में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था।

सजा की चुनौती में नहीं मिली राहत

गौरतलब है कि 11 जनवरी 2023 को अवर न्यायालय ने संजय सिंह, अनूप संडा, पूर्व सभासद कमल श्रीवास्तव, संतोष और विजय कुमार को सजा सुनाई थी। इन सभी दोषियों ने इस सजा को चुनौती दी थी, लेकिन उन्हें किसी प्रकार की राहत नहीं मिल सकी। सेशन कोर्ट ने इनकी सजा खत्म करने की अपील को खारिज कर दिया, जिसके बाद एमपी-एमएलए कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया।

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