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रविवार को लेबनान के हिजबुल्ला संगठन के प्रमुख सैयद हसन नसरल्लाह की हत्या के विरोध में लखनऊ के हुसैनाबाद की फूड स्ट्रीट बंद रही। इस घटना से शोक में डूबे लोग सड़कों पर उतरे और घरों व दुकानों पर काले झंडे लगाए गए। विरोध स्वरूप हजारों की संख्या में पुरुष, महिलाएं, और बच्चे मोमबत्ती और मोबाइल टॉर्च की रोशनी के साथ जुलूस में शामिल हुए। छोटे इमामबाड़े से बड़े इमामबाड़े तक यह जुलूस निकाला गया, जहां लोगों ने अमेरिका और इजरायल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
इजरायल और अमेरिका विरोधी नारे
जुलूस में शामिल शिया उलेमाओं और धर्मगुरुओं ने इजरायल और अमेरिका के खिलाफ नारों के साथ नसरल्लाह की हत्या की कड़ी निंदा की। जैसे ही छोटे इमामबाड़े से इजरायल और अमेरिका के खिलाफ नारे लगते हुए जुलूस शुरू हुआ, आस-पास के इलाकों से और भी लोग इसमें शामिल हो गए। इजरायल विरोधी प्रदर्शन के दौरान बड़े इमामबाड़े के पास इजरायल का झंडा बिछा कर उस पर नेतन्याहू की तस्वीर रखी गई, जिसे विरोध के रूप में पैरों तले रौंदा गया।
मातम और मजलिस का आयोजन
नसरल्लाह की हत्या के शोक में शहरभर में विभिन्न स्थानों पर मजलिसों का आयोजन किया गया। दरगाह हजरत अब्बास रुस्तमनगर में आयोजित मजलिस में मौलाना कल्बे जवाद ने नसरल्लाह की शहादत पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “शहीद से बड़ा कोई रुतबा नहीं होता। शहादत वो असलाह है जिससे जालिम अपनी गर्दन खुद ही काट लेता है।” इस मौके पर हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे।
सैयद हसन नसरल्लाह के बारे में FAQs
सैयद हसन नसरल्लाह कौन था ?
सैयद हसन नसरल्लाह लेबनान के हिजबुल्ला संगठन का प्रमुख था। वह लंबे समय से इजरायल के खिलाफ कड़े विरोध और अपने संगठन के नेतृत्व के लिए जाना जाता रहा।
नसरल्लाह की हत्या कैसे हुई?
अभी तक आधिकारिक तौर पर हत्या के कारणों का स्पष्ट खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन यह माना जा रहा है कि उसकी हत्या के पीछे राजनीतिक कारण हो सकते हैं।
नसरल्लाह की शहादत के बाद क्या हुआ?
उसकी हत्या के बाद कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें अमेरिका और इजरायल के खिलाफ नारे लगाए गए। शिया समुदाय के लोग भारी संख्या में शोक और मातम के लिए इकट्ठा हुए।
क्या हिजबुल्ला का इजरायल से कोई संबंध है?
हिजबुल्ला एक शिया इस्लामी राजनीतिक और सशस्त्र संगठन है, जिसका इजरायल के साथ लंबे समय से टकराव चलता आ रहा है।