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राजस्थान में मानसूनी बारिश के चलते व्यापक तबाही का मंजर सामने आया है, जिसमें अब तक 20 लोगों की जान जा चुकी है। तेज बारिश और बाढ़ ने जयपुर, भरतपुर, करौली और हिंडौन सहित कई क्षेत्रों को प्रभावित किया है, जिससे खतरनाक हालात उत्पन्न हो गए हैं।
मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी, कई जिलों में स्कूल बंद
मौसम विभाग ने जयपुर, दौसा और सीकर सहित सात जिलों के लिए भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा अजमेर, अलवर और भीलवाड़ा जैसे 11 अन्य जिलों के लिए भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। ऐहतियात के तौर पर जयपुर सहित छह जिलों में स्कूल बंद कर दिए गए हैं।
भरतपुर, हिंडौन, करौली और जयपुर में लगातार बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। जयपुर में रविवार को पूरे दिन बारिश के बाद सोमवार सुबह फिर से भारी बारिश शुरू हो गई, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई है। कई जिलों में जलभराव के कारण सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं, जिससे आवागमन में भारी परेशानी हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक बारिश जारी रहने की संभावना है, क्योंकि पूर्वोत्तर राजस्थान पर बने सर्कुलेशन सिस्टम के बने रहने की उम्मीद है।
राज्य सरकार हाई अलर्ट पर, राहत कार्यों की समीक्षा
राज्य सरकार ने हालात को देखते हुए हाई अलर्ट जारी किया है। मुख्य सचिव सुधांश पंत ने एक आपातकालीन बैठक कर स्थिति की समीक्षा की और राहत कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए।
इस बीच मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने रविवार को आपदा प्रबंधन प्रयासों की समीक्षा के लिए एक आपात बैठक बुलाई। उन्होंने निवासियों से जलभराव वाले क्षेत्रों से दूर रहने, बारिश के दौरान बिजली के खंभों और तारों से संपर्क न करने और आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी सुरक्षा चेतावनियों का पालन करने की अपील की।
मुख्यमंत्री ने की जनता से अपील, सावधानी बरतने की सलाह
रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में मुख्यमंत्री ने कहा- “आज मैंने राज्य में भारी बारिश को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय में अधिकारियों की बैठक की और आपदा प्रबंधन से संबंधित सभी व्यवस्थाओं को तुरंत मजबूत करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं राज्य के सभी लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे जल निकायों और जलभराव वाले क्षेत्रों से दूर रहें, बारिश के दौरान बिजली के खंभों और बिजली के तारों से दूरी बनाए रखें, इमारतों में बने बेसमेंट का उपयोग न करें और आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी चेतावनियों और सुरक्षा उपायों पर विशेष ध्यान दें।”