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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार 14 अगस्त 2024 को अफ्रीका के डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो और अन्य अफ्रीकी देशों में फैले मंकीपॉक्स (mpox) प्रकोप को “वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल” घोषित कर दिया है। WHO के निदेशक-जनरल टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियम (IHR) आपातकालीन समिति की सलाह पर यह निर्णय लिया। इस कदम से स्पष्ट होता है कि मंकीपॉक्स का यह प्रकोप अब एक गंभीर वैश्विक खतरे के रूप में देखा जा रहा है।
मंकीपॉक्स: क्या है और कैसे फैलता है?
मंकीपॉक्स जिसे अब mpox के नाम से जाना जाता है, एक दुर्लभ ज़ूनोटिक रोग है, जो मंकीपॉक्स वायरस के कारण होता है। यह वायरस ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से संबंधित है, जिसमें चेचक (स्मॉलपॉक्स) और काउपॉक्स जैसे अन्य वायरस भी शामिल हैं। मंकीपॉक्स वायरस का प्रसार संक्रमित व्यक्तियों, दूषित वस्तुओं या संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से होता है। वर्तमान में मंकीपॉक्स के दो क्लेड्स (जननिक समूह) हैं: क्लेड I, जो मुख्यतः मध्य और पूर्वी अफ्रीका में पाया जाता है और क्लेड II, जिसके पश्चिमी अफ्रीका में अधिक मामले देखे गए हैं।
मंकीपॉक्स के लक्षण और उपचार
मंकीपॉक्स वायरस के लक्षण मुख्यतः त्वचा पर चकत्तों के रूप में प्रकट होते हैं जो बाद में तरल पदार्थ से भरे फफोलों में बदल सकते हैं। इसके अलावा बुखार, गले में खराश, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, थकान और सूजे हुए लिम्फ नोड्स जैसे अन्य लक्षण भी हो सकते हैं। अधिकांश मामलों में लक्षण 2-4 सप्ताह तक बने रहते हैं, लेकिन कुछ मामलों में गंभीर बीमारी भी हो सकती है, जिसके लिए चिकित्सा सुविधा की आवश्यकता होती है।

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वर्तमान में मंकीपॉक्स का कोई विशेष उपचार नहीं है और WHO केवल सहायक देखभाल की सलाह देता है जिसमें दर्द या बुखार के लिए दवाएं शामिल हैं। हालांकि यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी ने जनवरी 2022 में मंकीपॉक्स के इलाज के लिए एक एंटीवायरल दवा (टेकोविरिमाट) को मंजूरी दी थी, लेकिन इसके उपयोग के अनुभव सीमित हैं। WHO ने व्यापक टीकाकरण की सिफारिश नहीं की है लेकिन जोखिम वाले लोगों के लिए स्मॉलपॉक्स के खिलाफ विकसित तीन टीकों – MVA-BN, LC16, और ऑर्थोपॉक्सवैक्स का उपयोग किया जा सकता है।
मंकीपॉक्स का मौजूदा प्रकोप: एक नज़र
WHO की 12 अगस्त 2024 को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, मंकीपॉक्स का मौजूदा प्रकोप अब 116 देशों में फैल चुका है, जिसमें 99176 मामलों की पुष्टि की गई है और 208 लोगों की मौत हो चुकी है। इस प्रकोप का सबसे बुरा असर डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो और उसके पड़ोसी देशों पर पड़ा है। जून 2024 में दर्ज किए गए मामलों में से 19% अमेरिका से और 11% यूरोप से आए हैं।
जुलाई और अगस्त 2024 के बीच पूर्वी अफ्रीका के चार नए देशों – बुरुंडी, केन्या, रवांडा और युगांडा में मंकीपॉक्स के पहले मामले सामने आए हैं। इसके अलावा कोटे डी आइवोयर भी इस प्रकोप से प्रभावित है और दक्षिण अफ्रीका ने दो और मामलों की पुष्टि की है। WHO ने इस प्रकोप को अपने इमरजेंसी रिस्पांस फ्रेमवर्क के अनुसार एक “अक्यूट ग्रेड 3” आपातकाल घोषित किया है जो कि उनकी सूची में सबसे उच्चतम स्तर है। इसका मतलब है कि WHO से एक व्यापक और अधिकतम प्रतिक्रिया की आवश्यकता होगी।