लखनऊ, 10 अक्टूबर।
उत्तर प्रदेश (UTTAR PRADESH) में योगी सरकार (YOGI ADITYANATH) ने मिशन शक्ति 5.0 (MISSION SHAKTI 5) के तहत एक और ऐतिहासिक पहल की है। ‘व्यक्तिगत स्वच्छता संवाद’ नामक यह कार्यक्रम न सिर्फ किशोरियों में स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ा रहा है, बल्कि उनके आत्मविश्वास और आत्मसम्मान को भी नई उड़ान दे रहा है। अंतरराष्ट्रीय बालिका सप्ताह (3 से 11 अक्टूबर) के अवसर पर आयोजित इस संवाद कार्यक्रम ने समाज में मासिक धर्म और व्यक्तिगत स्वच्छता को लेकर व्याप्त मिथकों को तोड़ने का कार्य किया।
खुले संवाद ने तोड़ी झिझक, बढ़ाया आत्मसम्मान

महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित इन संवाद सत्रों में विशेषज्ञों ने लड़कियों से खुलकर बातचीत की। उन्होंने सैनिटरी पैड के सुरक्षित उपयोग, निपटान और मासिक धर्म से जुड़ी भ्रांतियों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझाया।
बेटियों ने भी बिना झिझक सवाल पूछे और विशेषज्ञों ने सरल भाषा में उनके उत्तर दिए।
इन खुले संवादों ने यह संदेश दिया कि व्यक्तिगत स्वच्छता सिर्फ स्वास्थ्य का नहीं, बल्कि आत्मसम्मान का भी विषय है।
131 बाल संरक्षण संस्थानों में चला संवाद अभियान

यह संवाद कार्यक्रम प्रदेश के सभी 131 बाल संरक्षण संस्थानों, 8 महिला आश्रय गृहों, 1 संरक्षण गृह और मानसिक रूप से चुनौतीग्रस्त महिलाओं के लिए विशेष प्रकोष्ठ में आयोजित किया गया।
इन संस्थानों में रह रही बालिकाओं और महिलाओं को भी व्यक्तिगत स्वच्छता और मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में शिक्षित किया गया।
कार्यक्रम ने न केवल स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाई बल्कि स्वच्छता को बेटियों के आत्मनिर्भरता और गरिमा से जोड़ा।
14.64 लाख से अधिक लोगों तक पहुँचा संदेश
मिशन शक्ति 5.0 (MISSION SHAKTI 5) के पाँचवें चरण में 22 सितंबर से 10 अक्टूबर तक चलाए गए विभिन्न अभियानों के माध्यम से
14.64 लाख से अधिक लोगों — जिनमें महिलाएँ, पुरुष, किशोर और किशोरियाँ शामिल थे — तक यह संदेश पहुँचाया गया।
इस अभियान ने समाज में मासिक धर्म को लेकर खुले संवाद की संस्कृति को बढ़ावा दिया है, जो पहले सामाजिक वर्जना का विषय माना जाता था।
लीना जोहरी ने पहल को सराहा
महिला एवं बाल विकास विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव लीना जोहरी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि,
“व्यक्तिगत स्वच्छता की जानकारी बालिका के संपूर्ण विकास का अभिन्न हिस्सा है। मासिक धर्म पर खुली चर्चा एक स्वस्थ और सशक्त समाज की दिशा में बड़ा कदम है।”
उनका मानना है कि मिशन शक्ति 5.0 (MISSION SHAKTI 5) के माध्यम से योगी सरकार न केवल बेटियों को शिक्षित और सशक्त बना रही है, बल्कि उनके स्वास्थ्य और गरिमा को भी सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।
मासिक धर्म को लेकर सामाजिक सोच में परिवर्तन
लंबे समय से भारतीय समाज में मासिक धर्म को लेकर कई मिथक और संकोच रहे हैं।
ऐसे में मिशन शक्ति 5.0 का ‘व्यक्तिगत स्वच्छता संवाद’ इन बाधाओं को तोड़ने और
मासिक धर्म को स्वाभाविक जैविक प्रक्रिया के रूप में स्वीकार कराने की दिशा में एक निर्णायक कदम है।
यह पहल बेटियों को शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से सशक्त बना रही है।
बेटियों का स्वास्थ्य, आत्मविश्वास और सम्मान — यही मिशन शक्ति का लक्ष्य
मिशन शक्ति 5.0 के इस अनूठे ‘व्यक्तिगत स्वच्छता संवाद’ कार्यक्रम ने यह साबित किया है कि
जब समाज में खुला संवाद और वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाया जाता है,
तो लड़कियाँ न केवल अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग होती हैं बल्कि आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी भी बनती हैं।
यह पहल उत्तर प्रदेश की महिलाओं के लिए स्वस्थ, सशक्त और गरिमामयी भविष्य की नींव रख रही है।
FAQs: मिशन शक्ति 5.0 से जुड़ी सामान्य जानकारियाँ
1. मिशन शक्ति 5.0 (MISSION SHAKTI 5) क्या है?
मिशन शक्ति 5.0, उत्तर प्रदेश सरकार की महिलाओं और बालिकाओं को सशक्त बनाने की पहल है, जिसके तहत सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य और आत्मनिर्भरता पर काम किया जाता है।
2. ‘व्यक्तिगत स्वच्छता संवाद’’ का उद्देश्य क्या था?
इस कार्यक्रम का उद्देश्य लड़कियों को मासिक धर्म, स्वच्छता और स्वास्थ्य से जुड़ी सही जानकारी देकर उन्हें आत्मविश्वासी बनाना था।
3. यह कार्यक्रम कहाँ आयोजित किया गया?
उत्तर प्रदेश के सभी 131 बाल संरक्षण संस्थानों, 8 महिला आश्रय गृहों और अन्य सामाजिक संस्थानों में।
4. कितने लोगों तक यह जागरूकता पहुँची?
करीब 14.64 लाख लोगों तक मिशन शक्ति 5.0 के तहत यह संदेश पहुँचाया गया।
5. इस पहल से क्या लाभ मिला?
लड़कियों में झिझक कम हुई, आत्मविश्वास बढ़ा और मासिक धर्म को लेकर सामाजिक सोच में सकारात्मक परिवर्तन आया।





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