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मुख्य कलाकार
मिर्जापुर 3 में मुख्य भूमिकाओं में विजय वर्मा, पंकज त्रिपाठी, अली फज़ल, रसिका दुग्गल, और श्वेता त्रिपाठी नजर आएंगे।
कहानी का सार
मिर्जापुर 3 की कहानी वहीं से शुरू होती है जहां मिर्जापुर 2 खत्म हुआ था। मिर्जापुर 2 का अंत मुन्ना त्रिपाठी (दिव्येंदु) की मौत और मिर्जापुर के सबसे बड़े माफिया कालीन भैया (पंकज त्रिपाठी) की घातक चोट के साथ हुआ था। गुड्डू (अली फज़ल) और गोलू (श्वेता त्रिपाठी) द्वारा इस मुठभेड़ के बाद गुड्डू मिर्जापुर का नायक बन जाता है।
माधुरी यादव त्रिपाठी (ईशा तलवार), जो उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री और मुन्ना त्रिपाठी की विधवा हैं, इस मुठभेड़ के बाद सभी समस्याओं को सुलझाने का जिम्मा लेती हैं ताकि मिर्जापुर को एक बेहतर और सुरक्षित जगह बनाया जा सके। वह जानती हैं कि यह केवल मिर्जापुर के माफिया परिवारों की सत्ता को पूरी तरह से समाप्त करके ही संभव है।
पात्रों की अदाकारी और प्रदर्शन
रमाकांत पंडित (राजेश तैलंग), जो एक आदर्शवादी वकील हैं, मौर्या (अमित सियाल) को गोली मारने के आरोप में खुद को पुलिस के हवाले कर देते हैं। गुड्डू पुलिस वैन में अपने पिता रमाकांत पंडित से टकराता है और उन्हें समझाता है कि उसकी मां वसुधा पंडित (शीबा चड्ढा) और बहन उसके साथ ही चलें क्योंकि रमाकांत पंडित की गिरफ्तारी के बाद वे अकेले सुरक्षित नहीं हैं।
गोलू मिर्जापुर के बाहर के बड़े शख्सों के गुस्से का सामना करती हैं। बीना त्रिपाठी (रसिका दुग्गल) ,गोलू से अपने सच साझा करती हैं। बाद में, गोलू, गुड्डू को समझाती है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश का मिर्जापुर के मामलों में हस्तक्षेप पूरी तरह गलत नहीं है।
मिर्जापुर के सिंहासन की लड़ाई
एक आधिकारिक सभा में, गुड्डू और शरद शुक्ला (अंजुम शर्मा) को मिर्जापुर के सिंहासन के दो मुख्य दावेदार घोषित किया जाता है। शत्रुघ्न (विजय वर्मा) इंतजार का खेल खेलते हैं। गुड्डू को आश्चर्य होता है कि शरद को इतना आत्मविश्वास कहां से मिल रहा है और गोलू समझाती है कि यह कालीन भैया की वजह से है।
क्या मिर्जापुर का सिंहासन बना रहेगा या माधुरी यादव त्रिपाठी इसका अंत कर देंगी? यदि सिंहासन बना रहता है, तो मिर्जापुर का नया राजा/रानी कौन होगा? यह जानने के लिए देखिए मिर्जापुर सीजन 3।
मिर्जापुर सीजन 3 की खासियत
मिर्जापुर सीजन 3 में वह सारा ड्रामा और मसाला है जिसकी उम्मीद मिर्जापुर के प्रशंसक करते हैं। कहानी का प्रवाह मजबूर नहीं बल्कि आवश्यक लगता है। लेखन में गहराई है और यह दर्शकों की इच्छा का ध्यान रखता है। हर प्रमुख अभिनेता ने शो को जितना रोमांचक बना सके, बनाने में अपना योगदान दिया है। सीजन का अंत मजबूत होता है और भविष्य के सीजन के लिए बहुत कुछ छोड़ जाता है।
मिर्जापुर सीजन 3 की कमजोरियां
मिर्जापुर सीजन 3 में कोई भी अद्वितीय या पूरी तरह अप्रत्याशित तत्व नहीं है। यह अपेक्षित लाइनों पर ही चलता है। हालांकि, यह शो के प्रशंसकों को संतुष्ट करता है, फिर भी कोई उम्मीद करता है कि ट्विस्ट ऊंचे हों। मिर्जापुर सीजन 3 में कुछ उपकथाएं हैं जो बड़ी कहानी में बहुत कुछ नहीं जोड़तीं। इसके अलावा, मिर्जापुर एक संतोषजनक शो बना रहता है।
मिर्ज़ापुर 3 ट्रेलर
निष्कर्ष
मिर्जापुर सीजन 3 अपेक्षानुसार आनंददायक और संतोषजनक है। हां, अगर सीजन 3 में ट्विस्ट शामिल होते जो शो के प्रति उत्साह को सही ठहराते, तो यह और भी बेहतर हो सकता था। अब मिर्जापुर सीजन 3 को प्राइम वीडियो पर विशेष रूप से स्ट्रीम करें और हमें बताएं कि आपको यह कैसा लगा।