वायनाड जिले में 30 जुलाई को आए भयानक भूस्खलन के बाद केरल बैंक ने उन परिवारों के लिए सम्पूर्ण कर्ज माफी की घोषणा की है जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया या जिनकी गिरवी रखी गए घर और संपत्तियां इस आपदा में नष्ट हो गईं। बैंक के निदेशक मंडल ने चूरलमला शाखा में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया, जो इस आपदा से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक है।
कर्ज माफी की घोषणा
केरल बैंक ने वायनाड जिले में हुई इस त्रासदी के बाद तत्काल राहत प्रदान करने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया है। बैंक ने यह घोषणा की कि उन परिवारों को जिनके सदस्यों की इस भूस्खलन में मृत्यु हो गई है या जिनकी संपत्तियों को भारी नुकसान हुआ है, पूरी तरह से कर्ज माफ कर दिया जाएगा। यह निर्णय उन लोगों के लिए कुछ राहत लाने का प्रयास है जो इस प्राकृतिक आपदा में अपने जीवन की सबसे बड़ी क्षति का सामना कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री के प्रयास और केंद्र सरकार से सहयोग की मांग
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन इस आपदा के बाद से ही प्रभावित लोगों की मदद के लिए सक्रिय रहे हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से, विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस आपदा के पुनर्वास कार्यों के लिए वित्तीय सहायता की मांग की है। प्रधानमंत्री के आपदाग्रस्त क्षेत्र के दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने एक विस्तृत ज्ञापन प्रस्तुत किया, जिसमें इस आपदा की गंभीरता और इसके निवारण के लिए केंद्र सरकार की तत्काल सहायता की आवश्यकता का विवरण दिया गया।
मुख्यमंत्री विजयन ने इस बात पर भी जोर दिया कि राज्य में ऐसी आपदाओं की तीव्रता में जलवायु परिवर्तन की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि केरल में ऐसी घटनाओं की बारंबारता और तीव्रता बढ़ रही है, जिसके चलते राज्य को इन प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए और अधिक सहायता की आवश्यकता है।
भूस्खलन से हुई भारी क्षति
वायनाड जिले में हुई इस भूस्खलन को केरल के इतिहास की सबसे घातक आपदा के रूप में देखा जा रहा है। इस त्रासदी में 300 से अधिक लोगों की जान चली गई है और कई अन्य अभी भी लापता हैं। रविवार को केरल के मंत्री पी. ए. मोहम्मद रियास ने कहा कि बचावकर्ताओं ने प्रभावित क्षेत्रों से अतिरिक्त शवों के हिस्से बरामद किए हैं और अभी भी 130 लोग लापता बताए जा रहे हैं।
बचाव कार्यों में जुटी सरकार
मुख्यमंत्री विजयन की अपील पर केरल बैंक ने राज्य के मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में 50 लाख रुपये का योगदान दिया है ताकि चल रहे बचाव कार्यों में सहायता मिल सके। बैंक के कर्मचारियों ने भी इस आपदा राहत के लिए स्वेच्छा से अपनी पांच दिन की सैलरी देने का वादा किया है।
इस बीच प्रधानमंत्री मोदी ने वायनाड जिले में जिला कलेक्ट्रेट में एक समीक्षा बैठक के दौरान आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार सभी आवश्यक सहायता प्रदान करेगी ताकि राहत कार्यों में धन की कमी बाधा न बने।