नई दिल्ली, 13 अक्टूबर। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (LALU PRASAD YADAV) और उनके परिवार को आईआरसीटीसी घोटाले (IRCTC SCAM) में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट (ROUSE AVENUE COURT) से करारा झटका लगा है। कोर्ट ने भ्रष्टाचार के इस बहुचर्चित मामले में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी (RABRI DEVI) और बेटे तेजस्वी यादव (TEJASHWI YADAV) समेत 14 आरोपियों पर आरोप तय कर दिए हैं। कोर्ट ने साफ कहा कि लालू यादव की जानकारी में घोटाले की साजिश रची गई और उनके परिवार को इससे सीधा फायदा पहुंचा।
यह फैसला आगामी बिहार विधानसभा चुनाव (BIHAR ASSEMBLY ELECTION) से ठीक पहले आया है, जो राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के लिए बड़ा सियासी संकट पैदा कर सकता है। तेजस्वी यादव, जो आरजेडी के स्टार प्रचारक और संभावित सीएम उम्मीदवार हैं, पर अब मुकदमे का साया मंडरा रहा है, जो चुनावी रणनीति को प्रभावित करेगा।
कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव से पूछा कि क्या वे अपना अपराध कबूल करते हैं? इस पर लालू, राबड़ी और तेजस्वी ने इनकार करते हुए कहा कि वे मुकदमे का सामना करेंगे। न्यायाधीश विशाल गोगने ने कहा, “प्रथम दृष्टया सबूतों से साफ है कि लालू यादव को आईआरसीटीसी के बीएनआर होटलों (रांची और पुरी) के हस्तांतरण की पूरी जानकारी थी। मानदंडों में संशोधन कर साजिश रची गई।” कोर्ट ने माना कि आरोपियों ने व्यापक साजिश की, जिसमें राबड़ी और तेजस्वी को कम कीमत पर जमीन मिली, जो ठेका देने के बदले फायदा था। सभी प्लॉटों का मूल्यांकन जानबूझकर कम किया गया, और ये संपत्तियां लालू परिवार के हाथों में पहुंच गईं।
आरोपों में आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120बी (आपराधिक साजिश) शामिल हैं। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(2) और 13(1)(डी) सिर्फ लालू पर लगी हैं, जबकि राबड़ी और तेजस्वी पर 420 और 120बी के तहत ट्रायल चलेगा। सीबीआई ने कोर्ट में सबूतों की चेन पेश की, जिसे जज ने मान्य करार दिया। लालू यादव व्हीलचेयर पर कोर्ट पहुंचे, जहां समर्थकों की भारी भीड़ थी।
यह मामला 2004-2009 का है, जब लालू रेल मंत्री थे। आरोप है कि आईआरसीटीसी के दो होटलों—बीएनआर रांची और बीएनआर पुरी—के रखरखाव का ठेका अवैध तरीके से पटेल इंजीनियरिंग कंपनी को दिया गया। बदले में कंपनी ने लालू परिवार को सस्ती दर पर जमीनें दीं। 7 जुलाई 2017 को सीबीआई ने केस दर्ज कर पटना, दिल्ली, रांची और गुरुग्राम में छापेमारी की थी। जांच में पता चला कि ठेके के लिए नियम तोड़े गए, और लालू की जानकारी में सारा खेल हुआ।
बिहार चुनाव के लिहाज से यह फैसला आरजेडी के लिए घातक साबित हो सकता है। तेजस्वी यादव, जो विपक्षी गठबंधन के चेहरे हैं, पर अब भ्रष्टाचार के आरोपों का दाग लग गया है। चुनाव से पहले यह मुद्दा विपक्ष को हमलावर बनाएगा, जबकि नीतीश कुमार की एनडीए इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का हथियार बनाएगी। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि लालू परिवार की छवि पर असर पड़ेगा, खासकर दलित और पिछड़े वोटरों में, जहां आरजेडी मजबूत है।
हालांकि, आरजेडी ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है। तेजस्वी ने कहा, “हम निर्दोष हैं, कोर्ट में साबित करेंगे।” लेकिन कोर्ट का फैसला ट्रायल शुरू करने का आदेश दे चुका है, जो चुनावी मौसम में लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ाएगा। सीबीआई अब गवाहों और सबूतों के साथ आगे बढ़ेगी। कुल मिलाकर, आईआरसीटीसी घोटाला लालू यादव की राजनीतिक विरासत पर सवाल उठा रहा है। बिहार चुनाव में भ्रष्टाचार का मुद्दा गरमाएगा और विपक्षी दलों को हमला करने का मौका मिल गया है।




