सुल्तानपुर जिले में फर्जी दस्तावेजों के सहारे शिक्षक की नौकरी करने के मामले में एक आरोपी को कोर्ट से राहत नहीं मिल पाई है। अमेठी जिले के जामो ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के रूप में काम कर रहे हरवेश कुमार पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके अनुपम कुमार के नाम से नौकरी हासिल की। फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद शिक्षा विभाग ने मामले की जांच कराई, जिसमें आरोप सही पाया गया। इसके बाद हरवेश कुमार को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया।
जामो ब्लॉक में फर्जी सहायक अध्यापक का खुलासा
यह मामला तब सामने आया जब जामो ब्लॉक के खंड शिक्षाधिकारी राज नारायण पाठक ने 23 जून 2022 को हरवेश कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का मुकदमा दर्ज कराया। मुकदमे में आरोप लगाया गया कि हरवेश कुमार जो फिरोजाबाद जिले के मक्खनपुर आंशिक थाने के जेवड़ा गांव के निवासी हैं, उन्होने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जामो ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय पूरे जिवनंदन तिवारी में सहायक अध्यापक की नौकरी प्राप्त की थी।
जांच में फर्जीवाड़े की पुष्टि, नौकरी से बर्खास्तगी
शिक्षा विभाग द्वारा की गई जांच में पाया गया कि हरवेश कुमार ने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से नौकरी हासिल की थी। इस बात की पुष्टि होते ही शिक्षा विभाग ने उन्हें तुरंत बर्खास्त कर दिया। बर्खास्तगी के बाद हरवेश कुमार को जेल भेज दिया गया। उनकी गिरफ्तारी के बाद मामले ने और तूल पकड़ा और जिला जज की अदालत में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई की गई।
जिला जज की अदालत में जमानत अर्जी खारिज
जेल में निरुद्ध हरवेश कुमार की जमानत याचिका पर जिला जज जय प्रकाश पांडेय की अदालत में सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर दी।