पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य का गुरुवार (8 अगस्त, 2024) को कोलकाता स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। वह 80 वर्ष के थे और अपने पीछे पत्नी और बेटी को छोड़ गए हैं। भट्टाचार्य ने अपने जीवन के अंतिम वर्षों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना किया और लंबे समय से सार्वजनिक जीवन से दूर थे।
परिवार और पार्टी ने की पुष्टि
सीपीआई(एम) के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने बताया- “बुद्धदेव भट्टाचार्य का आज सुबह निधन हो गया। अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और डॉक्टरों ने पहुंचकर उनकी हालत संभालने की कोशिश की, लेकिन वे कुछ खास नहीं कर सके। उनका शरीर आज सुरक्षित रखा जाएगा और अंतिम संस्कार कल 9 अगस्त को किया जाएगा। उन्होंने अपने शरीर को मेडिकल कॉलेज को दान करने की इच्छा जताई थी, इसलिए उनका शरीर मेडिकल रिसर्च के लिए सौंपा जाएगा।”
पार्टी मुख्यालय पर अंतिम विदाई
भट्टाचार्य के शरीर को शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय- अलीमुद्दीन स्ट्रीट ले जाया जाएगा, जहां उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी। इसके बाद उनकी इच्छानुसार उनके शरीर को चिकित्सा अनुसंधान के लिए दान कर दिया जाएगा। उनके निधन की खबर से पूरे राज्य में शोक की लहर है और पश्चिम बंगाल सरकार ने गुरुवार को उनकी स्मृति में राज्य में अवकाश घोषित किया है।
मुख्यमंत्री के रूप में योगदान
बुद्धदेव भट्टाचार्य ने 2000 से 2011 तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। इस दौरान उन्होंने राज्य में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए और अपने कड़े अनुशासन और समर्पण के लिए जाने गए। भट्टाचार्य ने 2015 में सीपीआई(एम) की केंद्रीय समिति और पोलित ब्यूरो से स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दे दिया था। 2016 से वह अपनी बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति और दृष्टिहीनता के कारण सार्वजनिक जीवन से दूर हो गए थे। उन्होंने 2018 में सीपीआई(एम) की राज्य समिति से भी इस्तीफा दे दिया था।
COPD और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं
भट्टाचार्य को कई वर्षों से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा। उन्हें क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) से पीड़ित थे और इसके चलते उन्हें कई बार अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। सितंबर 2019 में उन्हें सांस की समस्या के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी स्थिति में सुधार हुआ। उनके स्वास्थ्य की देखभाल पार्टी द्वारा की जा रही थी।
पद्म भूषण पुरस्कार को ठुकराया
2022 में जब एनडीए सरकार ने उन्हें पद्म भूषण पुरस्कार देने की घोषणा की तो भट्टाचार्य ने इसे ठुकरा दिया। उन्होंने एक बयान में कहा- “मुझे इस पुरस्कार के बारे में कुछ भी नहीं पता। किसी ने मुझे इसके बारे में कुछ नहीं बताया। अगर उन्होंने मुझे पद्म भूषण देने का निर्णय लिया है तो मैं इसे स्वीकार करने से इनकार करता हूं।” उनके इस निर्णय ने उनके अनुशासन और विचारधारा के प्रति उनकी निष्ठा को प्रदर्शित किया।
ममता बनर्जी ने दी श्रद्धांजलि
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को भट्टाचार्य के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि राज्य सरकार उनकी अंतिम यात्रा के दौरान उन्हें पूर्ण सम्मान और राजकीय सम्मान प्रदान करेगी। भट्टाचार्य के निधन से राज्य और देश में उनके अनुयायियों के बीच शोक का माहौल है। उनकी मृत्यु ने भारतीय राजनीति के एक युग का अंत कर दिया है, और उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।