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दिल्ली के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के बागी नेता संदीप कुमार को शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) की हरियाणा इकाई से शामिल होने के केवल छह घंटे बाद ही निष्कासित कर दिया गया। संदीप कुमार ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की उपस्थिति में पंचकुला में पार्टी कार्यालय में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की थी।
बीजेपी की हरियाणा इकाई ने अपने बयान में कहा कि संदीप कुमार ने अपने अतीत की जानकारी छिपाई थी, लेकिन जैसे ही उनकी पृष्ठभूमि का पता चला, उन्हें तुरंत पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया। बीजेपी के महासचिव सुरेंद्र पुनिया ने पुष्टि की कि संदीप कुमार अब किसी भी रूप में पार्टी से जुड़े नहीं रहेंगे।
आप से निलंबन और विवादित इतिहास
संदीप कुमार, जो मूल रूप से सोनीपत से हैं, उनको 2016 में आम आदमी पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। यह निलंबन एक विवादास्पद सीडी के कारण हुआ था जिसमें कुमार को एक महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में दिखाया गया था। महिला ने आरोप लगाया था कि कुमार ने उसे नशीला पेय पिलाकर उसके साथ बलात्कार किया था। इसके बाद संदीप कुमार को गिरफ्तार किया गया और दिल्ली विधानसभा के स्पीकर ने उन्हें संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत अयोग्य घोषित कर दिया था।
स्पीकर के बयान में कहा गया था- “संदीप कुमार, इस मामले के प्रतिवादी, जो दिल्ली के नेशनल कैपिटल टेरिटरी की छठी विधान सभा के निर्वाचित सदस्य थे, सुल्तानपुर माजरा, विधानसभा क्षेत्र संख्या 10 से, दसवीं अनुसूची के पैराग्राफ 2 (1) (ए) के तहत अयोग्य हो गए हैं।”
2019 में फिर हुआ निष्कासन
2019 में दिल्ली विधानसभा के स्पीकर राम निवास गोयल ने संदीप कुमार को बहुजन समाज पार्टी (BSP) के समर्थन में लोकसभा चुनाव के दौरान दलबदल कानून के तहत अयोग्य घोषित कर दिया था। यह निर्णय आप विधायक और पार्टी प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज की याचिका पर लिया गया था। इन विवादों ने संदीप कुमार की राजनीतिक यात्रा पर गहरा असर डाला और उनके बीजेपी में शामिल होने के बाद भी उनके अतीत का साया उनके पीछे लगा रहा।