जौनपुर में प्रस्तावित नए जिला कारागार के निर्माण के लिए 44.94 करोड़ रुपये की पहली किस्त अप्रैल में ही जारी हो गई थी, लेकिन चार महीने बीत जाने के बावजूद अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है। इस परियोजना को लेकर स्थानीय प्रशासन और जनता के बीच निराशा और चिंता का माहौल है। निर्माण कार्य की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी वाराणसी भवन खंड को सौंपी गई है, लेकिन काम की प्रगति में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
कुद्दूपुर समेत तीन गांवों में 100 बीघे में बनेगी नई जेल
इस नए कारागार को कुद्दूपुर समेत तीन गांवों में 100 बीघे भूमि पर बनाया जाना है। इसके निर्माण के लिए 179 करोड़ रुपये की कुल लागत का अनुमान है। जेल के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण और टेंडर प्रक्रिया भी पूरी की जा चुकी है। लोकसभा चुनाव के बाद वाराणसी में टेंडर जारी कर दिया गया, जिससे उम्मीद जगी थी कि निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा। लेकिन चार महीने बाद भी काम शुरू नहीं हो सका है।
जेल की वर्तमान स्थिति और नई जेल की आवश्यकता
वर्तमान में जौनपुर का जिला कारागार, कचहरी मार्ग पर स्थित है, जिसे आजादी से पहले बनाया गया था। इस जेल में 320 बंदियों के रहने की क्षमता है, जबकि वर्तमान में यहां 973 बंदी रहते हैं। इस कारण जेल में अत्यधिक भीड़ और संसाधनों की कमी से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। जिला प्रशासन की ओर से लंबे समय से नई जेल की मांग की जा रही थी जिसे 2016 में स्वीकृति मिली। इसके बाद तीन गांवों—इंदरिया, कुद्दूपुर और रंजीतपुर में 23.70 हेक्टेयर (100 बीघा) भूमि का चयन किया गया।
भूमि अधिग्रहण की प्रगति
नई जेल के लिए अब तक 12.470 हेक्टेयर भूमि खरीदी जा चुकी है। इसमें से 98% काश्तकारों की भूमि की रजिस्ट्री हो चुकी है जबकि तीन कृषकों की 0.520 हेक्टेयर भूमि की रजिस्ट्री अभी भी लंबित है। अधिग्रहण के लिए 45 करोड़ 73 लाख रुपये आवंटित किए गए थे जिसमें से 44 करोड़ 73 लाख रुपये का भुगतान हो चुका है। शेष 99 लाख 40 हजार रुपये अभी भी बाकी हैं। 25 अक्टूबर 2021 को तहसीलदार सदर और उनकी टीम ने स्थल पर कब्जा करा दिया था।
निर्माण कार्य में तेजी लाने की कोशिश
नए जेल के निर्माण के लिए सभी टेंडर प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं और पीडब्ल्यूडी भवन खंड वाराणसी के अधिशासी अभियंता विवेकानंद ने आश्वासन दिया है कि अगले एक सप्ताह से 10 दिनों के भीतर काम शुरू कर दिया जाएगा। यह देरी अधिकारियों और ठेकेदारों के बीच समन्वय की कमी को दर्शाती है लेकिन अब उम्मीद है कि निर्माण कार्य जल्द ही प्रगति पर आ जाएगा।