image credit-twitter snap
केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों में 31 जुलाई को जिला अधिकारियों ने इस बड़े हादसे के बाद लापता लोगों की संख्या का पता लगाने के लिए डेटा संग्रह शुरू कर दिया है। बचाव अभियान फिर से शुरू किया गया है ताकि उन लोगों का पता लगाया जा सके जो इस त्रासदी में फंसे हुए हो सकते हैं। घायल व्यक्तियों को प्रभावित क्षेत्रों से एयरलिफ्ट करने के लिए हेलीकॉप्टरों का उपयोग किया जाएगा।
लापता लोगों की खोज में जुटी टीमें
वायनाड में, कई परिवारों के सदस्यों ने रिपोर्ट की है कि उनके प्रियजन अभी तक नहीं मिल पाए हैं। इस भूस्खलन में कम से कम 150 लोगों की मौत हो चुकी है और 197 लोग घायल हो गए हैं। बचाव एजेंसियों ने सुबह जल्दी ही अपने अभियान को फिर से शुरू किया ताकि उन लोगों का पता लगाया जा सके जो इस त्रासदी में फंसे हो सकते हैं। राहत और बचाव टीमों ने अपने सभी संसाधनों को जुटा लिया है ताकि लापता लोगों को जल्द से जल्द ढूंढा जा सके और उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा सके।

image credit-twitter snaps
राहत शिविरों की स्थापना और राज्य शोक की घोषणा
वायनाड में 45 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें 3,069 लोगों को ठहराया गया है। इन शिविरों में प्रभावित लोगों को सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं ताकि वे इस मुश्किल समय में सुरक्षित और आरामदायक महसूस कर सकें। केरल सरकार ने 30 और 31 जुलाई को राज्य शोक की घोषणा की है। इस शोक के दौरान सभी सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों में विशेष प्रार्थना सभाएं आयोजित की जा रही हैं ताकि इस त्रासदी में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी जा सके।

image credit-twitter snap
केरल सरकार ने 30 और 31 जुलाई को राज्य शोक की घोषणा की है।
प्रधानमंत्री का राहत पैकेज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिजनों के लिए ₹2 लाख की अनुग्रह राशि और घायलों के लिए ₹50,000 की क्षतिपूर्ति की घोषणा की है। इस राहत पैकेज के माध्यम से सरकार उन परिवारों की मदद करने का प्रयास कर रही है जो इस त्रासदी से प्रभावित हुए हैं। इस मदद से वे अपने जीवन को फिर से सामान्य बनाने की दिशा में कदम उठा सकेंगे।
संकट कॉल के लिए कंट्रोल रूम
केरल सरकार ने नागरिकों से संकट से सम्बंधित कॉल्स को संभालने के लिए दो कंट्रोल रूम खोले हैं (9656938689 और 8086010833)। इन कंट्रोल रूमों में तैनात कर्मचारी चौबीसों घंटे उपलब्ध रहेंगे ताकि प्रभावित लोगों की हर संभव मदद की जा सके। इन नंबरों पर कॉल करके प्रभावित लोग अपनी समस्याओं और आवश्यकताओं को साझा कर सकते हैं और तुरंत मदद प्राप्त कर सकते हैं।
वायनाड की इस भयानक त्रासदी ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। राज्य और केंद्र सरकारें मिलकर इस आपदा से निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। बचाव दल दिन-रात काम कर रहे हैं ताकि लापता लोगों को जल्द से जल्द ढूंढा जा सके और उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा सके। इस मुश्किल समय में, देशभर के लोग वायनाड के निवासियों के साथ अपनी संवेदनाएं व्यक्त कर रहे हैं और उनके लिए प्रार्थना कर रहे हैं।