जापान के 40 वर्षीय दीसुक होरी का दावा है कि वह पिछले 12 सालों से रोजाना सिर्फ 30 मिनट की नींद लेकर अपनी जीवन अवधि बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। होरी ने 12 साल पहले अपनी नींद को कम (sleep deprivation) करना शुरू किया ताकि हर दिन अधिक सक्रिय घंटे मिल सकें। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने अपनी नींद को केवल 30 से 45 मिनट तक सीमित कर दिया है। हालांकि विशेषज्ञ इस तरह के नींद के पैटर्न के खिलाफ चेतावनी देते हैं।
नींद की जरूरत और उसके लाभ- benefits of adequate sleep
मनोचिकित्सक डॉ. स्नेहा शर्मा कहती हैं- “बहुत से लोग अपनी नींद को कम करके अधिक काम के घंटे प्राप्त करने या लंबी जीवन अवधि पाने के लिए प्रेरित होते हैं। लेकिन यह समझना महत्वपूर्ण है कि अधिकांश मनुष्यों को 8-9 घंटे की नींद की आवश्यकता होती है, जो उम्र, शारीरिक गतिविधि के स्तर और नींद की कमी पर निर्भर करती है।” नींद हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि इस दौरान हमारा शरीर न केवल आराम करता है बल्कि हमारा मस्तिष्क भी सक्रिय रहता है और मरम्मत और पुनःप्राप्ति के कार्यों में लगा रहता है। नींद के दौरान याद्दाश्त और सीखने की प्रक्रिया भी होती है।
लम्बे समय से नींद की कमी के खतरे-chronic sleep deprivation effects
हालांकि शरीर अचानक नींद की कमी का सामना कर सकता है, लेकिन चिरकालिक नींद की कमी हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक प्रभाव डाल सकती है। डॉ. शर्मा कहती हैं- “इन प्रभावों में मूड पर असर, बढ़ती चिंता, आवेगशीलता और संज्ञानात्मक गिरावट शामिल हो सकते हैं। यह मस्तिष्क की कार्यकारी कार्यप्रणाली और याद्दाश्त पर भी असर डाल सकता है।” इसके अलावा नींद की कमी के कारण शारीरिक बीमारियां जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग भी हो सकते हैं।
30 मिनट की नींद के गंभीर परिणाम- impact of sleep deprivation
सिर्फ 30 मिनट की नींद लेना स्वास्थ्य के लिए बहुत कम है। इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं:
1- मस्तिष्क सम्बन्धी हानि– अत्यधिक नींद की कमी आपकी संज्ञानात्मक कार्यप्रणाली, जिसमें याद्दाश्त, ध्यान और निर्णय लेने की क्षमता शामिल है, को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है।
2- मूड संबंधी समस्याएं– नींद की कमी के कारण मूड में बदलाव, चिड़चिड़ापन और तनाव बढ़ सकता है। चिरकालिक नींद की कमी अवसाद और चिंता विकारों को भी जन्म दे सकती है।
3- शारीरिक स्वास्थ्य समस्याएं– लगातार नींद की कमी आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। यह उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हृदय रोग जैसी स्थितियों के विकास का जोखिम भी बढ़ा देती है।
4- हार्मोनल असंतुलन– नींद हार्मोन नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। नींद की कमी के कारण वजन बढ़ना, तनाव स्तर में वृद्धि और अन्य हार्मोनल असंतुलन हो सकते हैं।
5- मोटर स्किल्स में कमी– पर्याप्त नींद की कमी से समन्वय और मोटर स्किल्स पर प्रभाव पड़ता है, जिससे दुर्घटनाओं और चोटों का खतरा बढ़ सकता है।