क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने अगले 48 घंटों के लिए उत्तराखंड के सात जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। ये जिले हैं – देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, हरिद्वार, उधम सिंह नगर और चंपावत। इस अलर्ट में तेज बारिश, आंधी, बिजली गिरने और अन्य गंभीर मौसम स्थितियों की चेतावनी दी गई है।
भूस्खलन और मार्ग अवरुद्ध
केदारनाथ में बुधवार रात बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई, जिससे सोनप्रयाग में मंदाकिनी नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), जिला पुलिस और स्थानीय अधिकारियों सहित आपातकालीन सेवाओं को हाई अलर्ट पर रखा गया है। लिंचोली क्षेत्र में बादल फटने की सूचना मिलने के बाद अधिकारियों को विशेष चिंता है कि केदारनाथ में 150 से 200 तीर्थयात्री फंसे हो सकते हैं।
बादल फटने के कारण भीम बली धारा के साथ केदारनाथ पैदल मार्ग में भूस्खलन हो गया, जिससे मार्ग के लगभग 30 मीटर हिस्से को नुकसान पहुंचा। सुरक्षा कारणों से इस मार्ग को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। सौभाग्य से, अभी तक किसी भी प्रकार की जन हानि की सूचना नहीं मिली है।
हरिद्वार में भारी बारिश और बाढ़
हरिद्वार में बुधवार शाम को भारी बारिश के कारण जबरदस्त बाढ़ आ गई। खर्करी नदी उफान पर आ गई, जो वाहनों को बहा ले गई और कई सड़कों को जलमग्न कर दिया, जिसमें कंचाल पुलिस स्टेशन की ओर जाने वाली सड़क भी शामिल है। भूपतवाला, हरिद्वार, नया हरिद्वार, कंचाल और ज्वालापुर जैसे क्षेत्र बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
मौसम विभाग का रेड अलर्ट
क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने अगले 48 घंटों के लिए उत्तराखंड के सात जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। ये जिले हैं – देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, हरिद्वार, उधम सिंह नगर और चंपावत। इस अलर्ट में तेज बारिश, आंधी, बिजली गिरने और अन्य गंभीर मौसम स्थितियों की चेतावनी दी गई है।
स्कूल बंद करने के निर्देश
खराब मौसम के कारण देहरादून, नैनीताल और उधम सिंह नगर में स्कूल बंद रहेंगे। देहरादून जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर कक्षा 1 से 12 तक के सभी सरकारी और निजी स्कूलों, साथ ही आंगनवाड़ी केंद्रों को बंद रखने का निर्देश दिया है।
यह पहली बार नहीं है कि देहरादून में मौसम की चेतावनी के कारण स्कूल बंद किए गए हैं। 26 जुलाई को, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी भारी बारिश के ऑरेंज अलर्ट के कारण जिले में सभी स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र बंद कर दिए गए थे। इन उपायों का उद्देश्य छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और गंभीर मौसम स्थितियों के दौरान भूस्खलन जैसी घटनाओं को रोकना है।