संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) में लैटरल एंट्री को लेकर चिराग पासवान का विरोध, भाजपा के लिए हानिकारक स्थिति ?

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लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और हाजीपुर के सांसद चिराग पासवान ने सोमवार को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) में लैटरल एंट्री की प्रक्रिया को “पूरी तरह गलत” बताया। उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे को सरकार के सामने उठाने की योजना बना रहे हैं। चिराग पासवान ने अपने बयान में कहा कि उनकी पार्टी लैटरल के खिलाफ है और जहां भी सरकारी नियुक्तियां होती हैं, वहां आरक्षण के प्रावधानों का पालन होना चाहिए।

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लेटरल एंट्री पर NDA सहयोगी का विरोध

17 अगस्त को संघ लोक सेवा आयोग ने केंद्र सरकार के 24 मंत्रालयों में संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव के पदों पर “प्रतिभाशाली और प्रेरित भारतीय नागरिकों” के लिए लैटरल भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। चिराग पासवान NDA के पहले सहयोगी हैं जिन्होंने इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना की है। पासवान ने कहा कि जिस तरह से यह मामला सामने आया है, वह उनके लिए चिंता का विषय है खासकर जब उनकी पार्टी सरकार का हिस्सा है और उनके पास इस मुद्दे को उठाने का मंच है।

कांग्रेस और चिराग पासवान का लेटरल एंट्री पर असहमति

चिराग पासवान से पहले, कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधा था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे दलितों, ओबीसी और आदिवासियों पर “हमला” करार दिया था। राहुल गांधी ने कहा था- “बीजेपी का विकृत राम राज्य, संविधान को नष्ट करने और बहुजनों से आरक्षण छीनने का प्रयास है।” लैटरल एंट्री के इस मुद्दे पर चिराग पासवान के विरोध से यह मामला और भी गरम हो गया है, जिससे सरकार पर दबाव बढ़ सकता है।

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