केरल में निपाह वायरस मामले की जांच के लिए केंद्र तैनात करेगा टीम

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निपाह वायरस के संदिग्ध मामले में स्वास्थ्य मंत्रालय का हस्तक्षेप

केंद्र सरकार ने केरल के मलप्पुरम जिले में निपाह वायरस के एक मामले की पुष्टि के बाद वहां की जांच और नियंत्रण के लिए एक संयुक्त टीम तैनात करने का निर्णय लिया है। इस टीम का मुख्य उद्देश्य महामारी की पहचान करना और राज्य को तकनीकी सहायता प्रदान करना है।

14 वर्षीय बालक की मृत्यु, निपाह वायरस की पुष्टि

21 जुलाई को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि मलप्पुरम जिले के 14 वर्षीय बालक में तीव्र एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के लक्षण दिखे थे। उसे पहले पेरिन्थलमन्ना के एक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया और बाद में कोझिकोड के एक उच्च स्वास्थ्य केंद्र में स्थानांतरित किया गया। बालक की मृत्यु हो गई और उसके नमूनों को पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान भेजा गया, जिसने निपाह वायरस संक्रमण की पुष्टि की।

फल खाने वाले चमगादड़: वायरस के मुख्य वाहक

स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान के अनुसार, निपाह वायरस का मुख्य स्रोत फल चमगादड़ हैं। यह वायरस आमतौर पर उन फलों के माध्यम से मनुष्यों में फैलता है जो चमगादड़ों द्वारा संक्रमित होते हैं। केरल में पहले भी निपाह वायरस के प्रकोप रिपोर्ट किए गए हैं, जिसमें आखिरी घटना 2023 में कोझिकोड जिले में हुई थी।

सख्त सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की सलाह

मंत्रालय ने राज्य सरकार को त्वरित सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय लागू करने की सलाह दी है। इनमें बालक के परिवार और उसके पड़ोस में सक्रिय केस की खोज, और उस इलाके के समान भू-आकृति वाले क्षेत्रों में भी जाँच शामिल है। इसके अलावा, उन सभी लोगों की पहचान की जानी चाहिए जो पिछले 12 दिनों में संक्रमित बालक के संपर्क में आए थे, और उन पर सख्त क्वारंटाइन और संदिग्धों के लिए आइसोलेशन लागू किया जाना चाहिए।

‘वन हेल्थ’ मिशन की टीम की तैनाती

स्वास्थ्य मंत्रालय के ‘वन हेल्थ’ मिशन की बहु-सदस्यीय संयुक्त आउटब्रेक रिस्पांस टीम को राज्य की सहायता के लिए तैनात किया जाएगा। यह टीम निपाह वायरस के मामले की जांच, महामारी विज्ञान संबंधी लिंक की पहचान और तकनीकी सहायता प्रदान करेगी।

मोनोक्लोनल एंटीबॉडी और मोबाइल बीएसएल-3 प्रयोगशाला

राज्य के अनुरोध पर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने मरीज के प्रबंधन के लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडी भेजी थी, लेकिन बालक की “खराब सामान्य स्थिति” के कारण इसे उपयोग में नहीं लाया जा सका। मंत्रालय ने यह भी बताया कि मरीज के संपर्क में आए लोगों के नमूनों की जांच के लिए एक मोबाइल बीएसएल-3 प्रयोगशाला को कोझिकोड भेजा गया है

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