बॉम्बे हाई कोर्ट ने फिल्म ‘हमारे बारह’ को क्लीन चिट दी, कहा – फिल्म महिलाओं के उत्थान पर आधारित है -Bombay High Court gives clean chit to Annu Kapoor film ‘Hamare Barah’ after some cuts

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Image Credit – Youtube Snaps

फिल्म ‘हमारे बारह’ पर विवाद: अदालत का फैसला- Hamare barah case

बॉम्बे हाई कोर्ट ने अभिनेता अन्नू कपूर की मुख्य भूमिका वाली फिल्म ‘हमारे बारह’ को देखने के बाद कहा कि इसमें ऐसा कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है जो कुरान या मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हो। न्यायालय ने यह भी कहा कि फिल्म का उद्देश्य वास्तव में महिलाओं का उत्थान करना है।

फिल्म का उद्देश्य और न्यायालय की टिप्पणियाँ

जस्टिस बी पी कोलाबावाला और फिरदोस पूनावाला की डिवीजन बेंच ने कहा कि फिल्म का पहला ट्रेलर आपत्तिजनक था, लेकिन उसे हटा दिया गया है और सभी आपत्तिजनक दृश्य फिल्म से हटा दिए गए हैं। अदालत ने नोट किया कि यह वास्तव में एक ‘सोचने वाली’ फिल्म है और ऐसी नहीं है जहां दर्शकों को ‘अपना दिमाग घर पर छोड़ने’ की अपेक्षा की जाए।

फिल्म के समर्थन में न्यायालय का दृष्टिकोण

उच्च न्यायालय ने कहा- “फिल्म वास्तव में महिलाओं के उत्थान के लिए है। इसमें एक मौलाना कुरान की गलत व्याख्या करता है और एक मुस्लिम व्यक्ति इसका विरोध करता है। इससे पता चलता है कि लोगों को अपना दिमाग लगाना चाहिए और ऐसे मौलानाओं का अंधाधुंध अनुसरण नहीं करना चाहिए,” उच्च न्यायालय ने कहा।

फिल्म पर प्रतिबंध की मांग: पृष्ठभूमि

इस महीने की शुरुआत में कई याचिकाएं दायर की गईं जिसमें फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई, यह दावा करते हुए कि यह मुस्लिम समुदाय के प्रति अपमानजनक है और कुरान की बातों को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किया गया है। पहले उच्च न्यायालय ने फिल्म की रिलीज को स्थगित कर दिया था, लेकिन बाद में फिल्म निर्माताओं के आपत्तिजनक हिस्सों को हटाने के बाद इसे रिलीज की अनुमति दी।

सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप और उच्च न्यायालय का अंतिम निर्णय

याचिकाकर्ताओं ने इसके बाद सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जिसने फिल्म की रिलीज पर रोक लगाते हुए उच्च न्यायालय को उचित निर्णय लेने का निर्देश दिया। मंगलवार को जस्टिस कोलाबावाला की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि उसने सभी आपत्तिजनक हिस्सों को हटाने के बाद फिल्म देखी और इसमें कुछ भी ऐसा नहीं पाया जिससे हिंसा भड़के।

सेंसर बोर्ड से प्रमाणन के बिना ट्रेलर जारी करने पर जुर्माना

अदालत ने फिल्म निर्माताओं पर सेंसर बोर्ड से प्रमाणन प्राप्त करने से पहले ट्रेलर जारी करने के लिए जुर्माना लगाया और इसे एक धर्मार्थ संगठन को भुगतान करने का निर्देश दिया। न्यायालय ने कहा-“ट्रेलर के संबंध में उल्लंघन था। इसलिए आपको याचिकाकर्ता की पसंद के एक चैरिटी को कुछ भुगतान करना होगा। इस मुकदमे ने फिल्म को बहुत अधिक मुफ्त प्रचार दिलाया है,”।

अदालत की सलाह: धार्मिक भावनाओं का सम्मान

अदालत ने फिल्म निर्माताओं को सावधान रहने की सलाह दी और कहा कि वे रचनात्मक स्वतंत्रता की आड़ में किसी भी धर्म की भावनाओं को आहत न करें। अदालत ने कहा- “निर्माताओं को भी सावधान रहना चाहिए कि वे क्या प्रस्तुत करते हैं। वे किसी भी धर्म की भावनाओं को आहत नहीं कर सकते। इस्लाम इस देश का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है,” ।

फिल्म का विषय और याचिकाकर्ताओं की आलोचना

अदालत ने यह भी आश्चर्य व्यक्त किया कि याचिकाकर्ता फिल्म के खिलाफ ऐसे बयान दे रहे थे जब उन्होंने फिल्म देखी भी नहीं थी। फिल्म एक प्रमुख व्यक्ति और उसके परिवार के बारे में है। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि फिल्म घरेलू हिंसा को बढ़ावा देती है, जिसके जवाब में बेंच ने कहा कि घरेलू हिंसा को केवल एक समुदाय तक सीमित नहीं कहा जा सकता।

फिल्म ‘हमारे बारह’ की रिलीज की तारीख पहले 7 जून और फिर 14 जून निर्धारित की गई थी।

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