भारत के लिए बड़ी शर्मिंदगी: अनुशासनहीनता के कारण अंतिम पंघल और उनकी टीम को पेरिस से निर्वासित किया गया

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पेरिस ओलंपिक में अनुशासनहीनता के कारण भारत की युवा पहलवान अंतिम पंघल और उनकी पूरी टीम को पेरिस से निर्वासित कर दिया गया है। इस घटना से देश को बड़ी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है। अंतिम ने अपना आधिकारिक एक्रेडिटेशन कार्ड अपनी बहन को दे दिया था, जिसे सुरक्षा अधिकारियों ने गेम्स विलेज से बाहर जाते समय पकड़ा।

ओलंपिक में हार के बाद अनुशासनहीनता

पंघल ने पेरिस ओलंपिक में महिलाओं के 53 किलोग्राम वर्ग में अपने शुरुआती मुकाबले में हार का सामना किया था। इसके बाद उन्होंने एक अनुशासनहीनता की, जिसके कारण उन्हें और उनकी टीम को वापस भेजने का निर्णय लिया गया। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने एक बयान में कहा- “फ्रांसीसी अधिकारियों द्वारा अनुशासनहीनता की सूचना दिए जाने के बाद आईओए ने पहलवान अंतिम और उनके सहायक स्टाफ को वापस भेजने का निर्णय लिया है।”

गेम्स विलेज से होटल तक की यात्रा

आईओए ने अनुशासनहीनता का विवरण साझा नहीं किया, लेकिन एक सूत्र के अनुसार- “गेम्स विलेज जाने के बजाय, अंतिम अपने कोच भगत सिंह और स्पारिंग पार्टनर विकास के साथ होटल में पहुंच गईं। अंतिम ने अपनी बहन को गेम्स विलेज जाकर अपने सामान लाने को कहा। उनकी बहन को पहचाना गया और पुलिस स्टेशन ले जाया गया।”

पुलिस स्टेशन में बयान दर्ज

19 वर्षीय U-20 विश्व चैंपियन अंतिम को भी पुलिस ने बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया। यह मामला यहीं खत्म नहीं हुआ। अंतिम के निजी सहायक स्टाफ – विकास और भगत नशे की हालत में टैक्सी में यात्रा कर रहे थे और ड्राइवर को भुगतान करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद ड्राइवर ने पुलिस को बुलाया।

आईओए के अधिकारी का गुस्सा

आईओए के एक अधिकारी ने कहा- “हम आग बुझाने के लिए निकले हैं।” जब संपर्क किया गया तो विकास ने इस घटना में उनकी संलिप्तता से स्पष्ट रूप से इनकार किया। उन्होंने कहा- “यह किसने कहा? अंतिम और उनकी बहन मेरे सामने बैठी हैं।”

खेल भावना पर धब्बा

इस घटना ने अंतिम पंघल और उनकी टीम की प्रतिष्ठा को धक्का पहुंचाया है। देश के लिए यह एक बड़ी शर्मिंदगी की बात है और इससे यह स्पष्ट होता है कि खेल में अनुशासनहीनता का कोई स्थान नहीं है। भारतीय ओलंपिक संघ ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई की है ताकि भविष्य में ऐसे किसी भी घटना को रोका जा सके।

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