बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के बीच इस्तीफा दे दिया और अपने बहन के साथ देश छोड़कर भारत आ गईं। सोमवार की शाम को शेख हसीना, गाजियाबाद के हिंडन एयर बेस पर एक सी-130 हरक्यूलिस विमान से उतरीं। इस घटना के बाद भारत सरकार ने बांग्लादेश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा के लिए मंगलवार, 6 अगस्त को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
सर्वदलीय बैठक में शीर्ष नेताओं की भागीदारी
केंद्र द्वारा बुलाई गई इस सर्वदलीय बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू समेत कई शीर्ष केंद्रीय मंत्री शामिल हुए। यह बैठक सुबह 10 बजे निर्धारित थी। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित कई विपक्षी नेता भी इस बैठक में शामिल हुए। बैठक का मुख्य उद्देश्य बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति पर विचार-विमर्श करना और भारतीय पक्ष की रणनीति तय करना था।
बांग्लादेश में हिंसा और हताहतों की संख्या
बांग्लादेश में सोमवार को हुए संघर्ष में कम से कम 135 लोग मारे गए। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुए संघर्ष में भीड़ की पिटाई और आगजनी की घटनाओं में 96 लोगों की जान गई। राजधानी के बाहरी इलाकों सावर और धमराई में पुलिस और उपद्रवियों के बीच हुई मुठभेड़ में कम से कम 18 लोग मारे गए। प्रोथोम आलो के अनुसार ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 500 से अधिक घायल लोगों को भर्ती कराया गया, जिनमें से 70 लोग गंभीर रूप से घायल थे और गोली लगने के जख्म थे।
गनाभवन और संसद भवन में अराजकता
शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद कई लोग प्रधानमंत्री के निवास गनाभवन में प्रवेश कर गए। स्थानीय बांग्लादेशी मीडिया ने रिपोर्ट किया कि लोग सरकारी इमारतों से विभिन्न वस्तुओं को ले जाते हुए देखे गए। संसद भवन के अंदर भी भीड़ देखी गई और लोग संसद भवन के अंदर से चीजें लेते हुए देखे गए। इस अराजकता के बीच, बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति अत्यंत गंभीर हो गई है और इसे संभालने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
शेख हसीना के इस्तीफे और भारत आगमन के बाद बांग्लादेश में हालात अत्यधिक संवेदनशील हो गए हैं, और इस स्थिति पर काबू पाने के लिए सभी पक्षों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है।




